उत्तर प्रदेश

भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य ने सुनाई सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष की कथा

शुक्रवार को होगा विशाल भंण्डारे का आयोजन
*जीटी 7 ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूंद ब्यूरो रिपोर्ट। 06 मार्च 2025*
*#फफूंद,औरैया।*  कस्बे में स्थित सुमन वाटिका गेस्ट हाउस में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथावाचक गोपेश्वर महाराज ने सुदामा चरित्र व परीक्षित मोक्ष का प्रसंग सुनाया। जिससे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गयें। वहीं  श्रद्धालुओं को भागवत कथा के महत्व और इसके जीवन में भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भागवत कथा केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह आदर्श जीवन जीने की कला सिखाने वाला एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
         भागवत कथा के अंतिम दिन भक्तों ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की कथा का श्रवण किया। कथा वाचक ने श्रद्धा से सजी इस कथा में सुदामा की मित्रता और श्री कृष्ण की अनुकंपा का गहन वर्णन किया।सुदामा की गरीबी और श्रीकृष्ण के साथ उनके अनमोल संबंध ने सभी को भावुक कर दिया। आचार्य गोपेश्वर जी महाराज ने बताया कि कैसे सुदामा की भिक्षाटन की यात्रा ने उसे अपने सच्चे मित्र श्रीकृष्ण का आशीर्वाद दिलाया। इसके बाद परीक्षित की कथा सुनाई गई, जिसमें उनकी भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का उल्लेख था।
आचार्य ने कथा के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़े प्रसंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे हम अपने जीवन में सद्गुणों को आत्मसात कर सकते हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को प्रेरित किया कि भागवत कथा को सुनने से हमें न केवल आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है, बल्कि यह हमें सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देती है। कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भक्ति भाव से कथा का श्रवण किया। आचार्य गोपेश्वर जी महाराज ने कहा कि भागवत कथा के माध्यम से हम अपने भीतर की नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं। और एक संतुलित एवं सुखमय जीवन जीने की कला को सीख सकते हैं। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के लीलाओं और उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला।उन्होंने बताया कि किस प्रकार श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों को संकट से उबारा और प्रेम का पाठ सिखाया। कथा में शामिल भक्तों ने भावुक होकर भक्ति गीत गायें और कथा के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। आचार्य ने बताया कि सत्संग से मन को शांति मिलती है और जीवन में नकारात्मकता का प्रभाव कम होता है। यह आत्मा को जागरूक करने और परमात्मा से जोड़ने का साधन है।भजन गायकों ने अपनी मधुर प्रस्तुति से कथा में माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। इस मौके पर आयोजन कर्ता नाथूराम पोरवाल, सुधीर पोरवाल, अशोक पोरवाल ने श्रद्धालुओं से अपील की ज्यादा से ज्यादा परिवार सहित श्रीमद् भागवत कथा का शुक्रवार को विशाल भंण्डारे का आयोजन है। तथा प्रभु का प्रसाद ग्रहण करके ही जाएं।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button