अहंकार रूपी रावण का संहार होते ही श्री राम की हुई जै जैकार

*असत्य और अधर्म पर सत्य और धर्म की हुई जीत*
*ग्लोबल टाइम्स-7 न्यूज नेटवर्क 0006*
*राकेश कुमार मिश्रा*
*उपजिला संवाददाता*
*13 अक्टूबर 2024*
शिवली , कानपुर देहात |
मानव के अंदर छिपे रावण का दहन करने पर ही दशहरा की सार्थकता सम्भव है, यह उद्गार लंका मैदान शिवली में चल रही रामलीला में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए मैथा ब्लाक प्रमुख पति नीरज सिंह गौर द्वारा व्यक्त किए गए | असत्य पर सत्य की जीत अधर्म पर धर्म के आधिपत्य के पावन पर्व विजयादशमी के अवसर पर क्षेत्र में जगह-जगह अहंकारी रावण के पुतलों का दहन किया गया जिसके बाद श्रीराम के जय घोष से क्षेत्र गूंज उठा |विजयादशमी के पावन पर्व पर क्षेत्र में आयोजित दशहरा महोत्सव कार्यक्रमों में विजयादशमी पर भाऊपुर, बागपुर व औनाहां में रावण के पुतलों का दहन किया गया | दशहरा महोत्सव कार्यक्रम मे रावण दहन के बाद सतरंगी आतिशबाजी से क्षेत्र में पटाखों की गूंज और चमक दिखाई देती रही जिसमें प्रति वर्षों की तरह अधर्म के प्रतीक रावण का अंत किया गया | इस दौरान शिवली के लंका मैदान में पहुंचे सपा नेता नीरज सिंह गौर ने कहाकि प्रतिवर्ष दशहरा महोत्सव पर आयोजन होने वाली राम की लीलाओं से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है,नीरज सिंह गौर ने कहा कि प्रतिवर्ष रावण का पुतला दहन होता है किंतु मानव के अंदर समाहित रावण आज तक जिंदा है जरूरत है व्यक्ति के अंदर बैठे घमंड, ईर्ष्या, द्वेष और अहंकार जैसे रावणों का भी अंत हो तभी राम की मर्यादा का सही मायने में अनुकरण हो सकेगा, राम ने विद्वान रावण का सदैव मान सम्मान रखा और उसे सदैव अनुचित आचरण करने से बचाने का प्रयास करते रहे लेकिन अधर्मी रावण अपने अहंकार में आकर भगवान के द्वारा दिए जा रहे सम्मान की उपेक्षा करता रहा और उसकी अंतता गति ऐसी हुई कि प्रतिवर्ष हम लोग उसका पुतला दहन करते हैं , यद्यपि रावण श्रेष्ठ ब्राह्मण कुल के होने के साथ ही भगवान शंकर का बहुत ही बड़ा भक्त था किंतु बिना राम की कृपा के बिना शंकर भी प्रसन्न नहीं होते हैं और शंकर जी की कृपा के बिना रामजी की सानिध्यता प्राप्त नहीं होती किंतु रावण को तो दोनों की कृपा प्राप्त हुई जिससे उसका उद्धार हो गया | इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष अवधेश शुक्ला , रामलीला समित लंका मैदान के अध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी,अनुभव मिश्रा, रिशु यादव, राजकुमार तिवारी, शिक्षक नेता अशोक शुक्ला, कुलदीप अमन पाठक ,इरफान अहमद, सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे | इसी तरह बागपुर ,भाऊपुर और औनाहां मे भी रावण के पुतलों का संहार किया गया, जहां शिवदीप सिंह गांधी ,वीरेंद्र तिवारी राजीव शुक्ला, सतीश शुक्ला , शंकर लाल चतुर्वेदी, रामू रावत आदि कयी लोग उपस्थित रहे |