सुलह-समझौते से 19312 वादों का हुआ निस्तार
चार करोड़ 60 लाख 51 हजार रुपए ऋण की हुई वसूली*
*जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया, कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, राम प्रकाश शर्मा। 14 सितंबर 2024*
*#औरैया।* जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसमें सुलह-समझौते से न्यायिक अधिकारियों ने 19312 वादों का निस्तारण किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट औरैया जीवक कुमार ने सबसे अधिक कुल 1662 वाद निपटाए।
राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ जिला जज संजय कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य केवल वादों के निस्तारण तक ही सीमित नहीं है। अपितु लोक अदालत में सुलह-समझौते के माध्यम से समाज के लोगों के बीच समरसता स्थापित करना है। सुलह-समझौते के माध्यम से न्याय मिलने पर वाद के दोनों पक्षों के वादकारीगण संतुष्ट होते हैं। प्राधिकरण की सचिव स्वाति चंद्रा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 19312 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें कुल चार करोड़ 60 लाख 51 हजार रुपए ऋण की वसूली की गई। न्यायालयों द्वारा लगाया गया अर्थदंड तीन लाख 35 हजार 785 रुपए वसूल किया गया। साथ ही एक करोड़ 21 लाख 60 हजार रुपए प्रतिकर प्रदान किया गया। जनपद न्यायाधीश संजय कुमार ने छह, रजनी सिंह प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय ने 47, रजनीश कुमार पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने एमएसीटी के कुल 96 क्लेम तय कर पीड़ितों को एक करोड़ 21 लाख 60 हजार रुपये प्रतिकर एवार्ड दिया। .स्थाई लोक अदालत द्वारा छह वाद निस्तारित किए गये। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट मनराज सिंह ने तीन, अपर जिला जज प्रथम विकास गोस्वामी ने विद्युत अधिनियम के 56 वाद, विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट अखिलेश्वर प्रसाद मिश्रा ने छह, संजय सिंह अपर जिला जज द्वितीय ने 10, सैफ अहमद अपर जिला जज तृतीय ने तीन, जीवक कुमार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1662 वाद, निधि सिसौदिया सिविल जज सीनियर डिवीजन ने 451, तारकेश्वरी प्रसाद सिंह अपर सिविल जज (सी.डि.)/एफटीसी महिलाओं के विरूद्ध अपराध के 412 वाद निस्तारित किए। राजस्व विभाग द्वारा 7217, परिवहन विभाग द्वारा 2540, सब रजिस्ट्रार औरैया द्वारा 3462 वादों का निस्तारण किया गया। बैंकों द्वारा 402 वादों का निस्तारण कर चार करोड़ 51 लाख 83 हजार 302 रुपये बैंक ऋण की वसूली की गई। भारत संचार निगम द्वारा 191 मामले निस्तारण कर 99 हजार 817 रुपये वसूली की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल तीन प्री-लिटिगेशन पारिवारिक वाद भी निस्तारित हुए।