रीनू यादव जन हितकारी सुझाव शासन व प्रशासन को दे रही

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का लोगो सरकारी कार्यायलयों के दस्तावेजों में लगाने की शासन से मिली अनुमति
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरो रिपोर्ट औरैया।
22 दिसंबर 2023
#औरैया।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अलावा विभिन्न जनहितकारी सुझाव शासन व प्रशासन को देने के साथ ही आम जनमानस को जागरूक करने का काम जनपद की हीरानगर कंचौसी निवासी रीनू यादव जो कि वर्तमान में जनपद फिरोजाबाद में स्थित एचडीएफसी बैंक में वित्तीय सलाहकार हैं। वह समय-समय पर जनहितकारी सुझाव शासन व प्रशासन के साथ ही आम जनमानस को देने का काम कर रही हैं, जिसको लेकर शासन प्रशासन भी गंभीर है और उनके सुझाव को गंभीरता से लेते हुए कानून बनाकर लागू करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर रहा है। रीनू यादव से दूरभाष के माध्यम से साक्षात्कार किया जिस पर उन्होंने बताया कि वह शासन की योजनाओं को गंभीरता से ले रही हैं। इसके साथ ही आम जनमानस को इसका लाभ मिला इसके लिए समय-समय पर शासन व प्रशासन को इसके लिए जानकारी दी जा रही है। शासन व प्रशासन के अधिकारी उनके सुझाव को गंभीरता से ले रहा है, साथ ही जनहितकारी कामों के लिए अपनी स्वीकृत भी प्रदान कर रहा है। साक्षात्कार के दौरान उन्होंने जनहितकारी अपनी सुझाव साझा किए हैं।
श्रीमती यादव ने दूरभाष पर साक्षात्कार के दौरान बताया कि वह मूलरूप से औरैया जनपद के हीरानगर निवासी हैं जो स्वर्गीय धीरेंद्र सिंह की छोटी पुत्रवधू हैं। वर्तमान में वह जनपद फिरोजाबाद स्थित एचडीएफसी बैंक में वित्तीय सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं और उनके पति राजीव जो फिरोजाबाद में सरकारी विभाग तैनात हैं। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का लोगो प्रदेश सरकार के सरकारी कार्यालयों के दस्तावेजों पर लगाने का अनुरोध किया। जिस पर शासन द्वारा संस्तुति प्रदान की गई है। इसी तरह का उन्होंने एक सुझाव और दिया है जिसमें कहा गया है कि गोवंश संरक्षण के लिए निराश्रित गोवंश को नदियों के किनारे हजारों बीघा खाली पड़ी बंजर व् चरागाह की अनुपयोगी भूमि पर साधारण तार द्वारा बैरी गेटिंग कर उसके अंदर गोवंशों को खुला छोड़ दिया जाए। वहाँ पर सभी ऋतुओं में गोवंशों को आसानी से चारा एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध रहेगी और शासन प्रशासन पर अधिभार नहीं पड़ेगा। गोवंश संरक्षण के बेहतरीन प्रस्ताव को मानकर फिरोजाबाद विकासखंड की ग्राम पंचायत मौंढा में प्रस्ताव को कानून बनाकर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी गई है। उन्होंने किसानों की विषय में कहा कि भारतीय किसान भाई अर्थव्यवस्था के मेरूदंड हैं। वे भारत मां के सच्ची संतान, मानवता के महान सेवक एवं समाज की महानतम प्रमुख धुरी है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में किसान ही आधुनिक ब्रह्मा और विष्णु हैं। वे परम आदरणीय हैं, जो खाद्यान्न, फल, साग-सब्जी उत्पन्न कर संपूर्ण विश्व का पालन कर रहे हैं। उनका मानना है कि किसान ही साकार रूप में देश की आत्मा है। वे अन्न के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भी सहेजे हुए हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के उद्देश्य से दूर-दूर से ग्रामीण क्षेत्र से पैदल चलकर आने वाले किसान भाइयों का सम्मान प्रत्येक सरकारी अथवा निजी कार्यालयों के लोगों के द्वारा बढ़ चढ़कर किया जाना चाहिए, जिससे उनको अर्थ के साथ-साथ उचित सम्मान की प्राप्ति हो।
आगे उन्होंने बालिकाओं की शिक्षा के विषय में कहा कि शिक्षा स्त्रियों के विकास के लिए एक आधार है। शिक्षा अन्य अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए लड़कियों और महिलाओं को सक्षम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अगर महिलाएँ शिक्षित हों तो वे अपने घरों की सभी समस्याओं का समाधान कर सकती हैं। स्त्री शिक्षा राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय विकास में मदद करता है। आगे उन्होंने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश में पशुधन अधिकतर किसान भाइयों को कृषि के साथ वर्षभर रोजगार उपलब्ध कराता है। जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है। किसान पशुओं के गोबर का उपयोग जैविक कृषि मे करके मँहगे रासायनिक खाद के खर्च से बच सकते हैं। पशुओं से प्राप्त खाद्य पदार्थ पोषाहार सबंधी समस्याओं को समाप्त करते हैं।जिससे कुपोषण आदि से संबंधित होने वाली बीमारियों मे खर्च की बचत होती हैं। आगे कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें सरकार किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाएं भी चला रही है, फिर भी कहीं-कहीं देखा जा सकता है कि कुछ किसान भाईयों के पास खेत में खाद डालने व समय से खेतों की जुताई कराने के लिए पैसे नहीं रहते। यहाँ तक कि खाने के लिए महंगी सब्जी भी नहीं खरीद पाते हैं।
दिन रात मेहनत करने के बावजूद भी हमारे किसान भाई रोटी और प्याज खाकर ही अपना और अपनों का पालन-पोषण कर रहे हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों के हित में कई योजनाएं चला रही हैं। जानकारी के अभाव में किसान कम लाभान्वित हो पा रहे हैं। किसानों से संबंधित योजनाओं का व्यापक तौर पर प्रचार-प्रसार होना चाहिए जिससे अधिकांश किसानों को लाभ मिल सके। उन्होंने समाज की महिलाओं के विषय में कहा कि समाज में महिलाएं परिवार और समुदाय की रीढ़ होती हैं। वे अपने परिवारों की देखभाल, सहायता और पोषण प्रदान करती हैं, और बच्चों के विकास के लिए आवश्यक होती हैं। महिलाएँ सामुदायिक निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अक्सर सामुदायिक संगठनों में नेतृत्व की भूमिका निभाती हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि आज के समय में उनका मानना है कि जब किसान सशक्त होगा तभी देश भी सशक्त होगा। हालाकि किसानों को लेकर सरकार का दृष्टिकोण केवल आजीविका के साधन की व्यवस्था करना ही नहीं है। बल्कि सरकार का लक्ष्य कृषि को और अधिक लाभदायक और विश्वसनीय बनाना है, ताकि देश के किसानों को उनका वास्तविक हक मिले। इसके लिए गाँवों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, परंतु जनपदों की सीमाओं के अंतर्गत आने वाले किसान विकास के लक्ष्य में शत प्रतिशत सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं। जागरूकता के अभाव में उनको लाभ लेने में मुश्किलें आती हैं। इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सही मायने में तभी नये भारत का सपना साकार हो सकेगा। रीनू यादव द्वारा जनहित में शासन व प्रशासन को दिए जा रहे सुझावों को लेकर जनपद औरैया के गणमान्य, वरिष्ठ, संविधान एवं जागरूक लोगों द्वारा शुभकामनाएं प्रदान की जा रही है।