जल को बचाया जा सकता है पर बनाया नही,आचार्य- मनोज

जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
15 सितंबर 2023
#औरैया।
गोपाल वाटिका में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य मनोज अवस्थी ने कही। आचार्य ने कहा कि भगवान कृष्ण ने पांच तत्व शोधन की लीला की जब उन्होंने माटी खाई तो पृथ्वी का शोधन दावाग्नि को पिया को अग्नि का शोधन तृणावर्त को मारा तो वायु का शोधन व्योमासुर को मारा तो आकाश का शोधन और जब कालियानाग नाथा तो जल का शोधन भगवान ने ये बताया कि पांचो तत्व मेरे में है।
आचार्य श्री अवस्थी ने उपरोक्त पांचो में जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि जल को बचाया जा सकता है, पर बनाया नही।

जब यमुना का जल प्रदूषित होने लगा था तब भगवान ने स्वयं यमुना में कूद कर उसकी रक्षा की। आचार्य श्री ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर वर्तमान काल की परिस्थितियों के देखते हुए लोगों से यह अपील कि जो लोग जल का व्यर्थ उपयोग करते है सड़क धोने के लिए एवं कई अन्य प्रकार से अचार्य श्री ने यह निवेदन किया जब जल संरक्षित रहेगा तभी राष्ट्र सरंक्षित हो पाएगा। आचार्य श्री ने लोगों से पेड़ लगाने के लिए भी निवेदन किया और यह संदेश दिया की पेड़ पोधे तभी हमारा जीवन संभव है और वर्तमान काल को देखते लोगों से यह कहा कि भविष्य मे यदि जल और पर्यावरण को सअंरक्षित ना किया गया तो ये अगले विश्व युद्ध का विषय बन सकता है। आचार्य श्री ने लोगों से यही अपील कि आज की कथा में जल संरक्षण को लेकर विशेष बोलते हुए आचार्य जी ने सब से अपील किया कि बिना जल के संकल्प भी नहीं हो सकता है। इसलिए जल का महत्व सर्वाधिक है। जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। इसलिए जल संरक्षण बहुत आवश्यक है, और भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की चर्चा की और भगवान ने गिर्राज जी को उंगली पर धारण किया तो इस पर महाराज जी ने बताया कि कण-कण में भगवान का दर्शन हम सबको करना चाहिए। कथा में विशाल जनमानस उपस्थित रहा। आयोजक मोहन लाल गुप्ता, नितिन गुप्ता, रमन पोरवाल आदि रहे।