नगर निकाय चुनाव नगर पालिका परिषद औरैया का विश्लेषण

सपा,भाजपा एवं निर्दलीय प्रत्याशी कर रहे हैं अपनी जीत का दावा
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
12 मई 2023
#औरैया।
नगर निकाय सामान्य निर्वाचन 2023 द्वितीय चक्र का मतदान 11 मई गुरुवार को जिले में सकुशल संपन्न हो गया। जिसमें जिले में कुल 62.5 6 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि नगर पालिका परिषद औरैया का 55.95 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान संपन्न हो जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों एवं समाजसेवियों तथा बुद्धिजीवियों ने हार-जीत के कयास लगाने शुरू कर दिए हैं। चुनावी समर में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए किसको विजय श्री मिलेगी इसको लेकर दिन भर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद चुनाव के लिए 13 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थी। मतदान के अंत में त्रिकोणीय मुकाबला बताया गया। कहीं पर साइकिल ने तेज रफ्तार पकड़ी तो कहीं पर कमल खिला एवं कहीं पर सितारा बढ़त बनाता रहा। कांग्रेस पार्टी, बहुजन समाज पार्टी व आम आदमी पार्टी के अलावा अन्य निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। चुनावी विश्लेषण करने वाले बुद्धिजीवियों ने परस्पर एक दूसरे की बात का खंडन किया है। नगर निकाय की मतगणना 13 मई शनिवार को होना सुनिश्चित है। नगर पालिका परिषद की मतगणना स्थानीय तिलक इंटर कॉलेज में एवं दिबियापुर फफूंद नगर पंचायत की मतगणना स्थानीय चौधरी विशंभर सिंह भारतीय विद्यालय में संपन्न होगी। मतगणना के दौरान कौन प्रत्याशी बाजी मारेगा यह मतगणना के दौरान जाना जा सकेगा।
आपको बताते चलें कि नगर पंचायत अजीतमल बाबरपुर- 63.28, नगर पंचायत अटसू- 77.55, नगर पंचायत अछल्दा-71.91, नगर पंचायत बिधूना- 70.22, नगर पंचायत दिबियापुर – 62.49, नगर पंचायत फफूँद- 66.95 रहा। मतदान के पश्चात मतदान कर्मचारियों ने मत परीक्षाओं को स्ट्रांग रूम में जमा किया है। स्ट्रांग रूम की सीसीटीवी कैमरा द्वारा निगरानी की जा रही है। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस को भी तैनात कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी की एक कद्दावर नेता का कहना है कि समाजवादी पार्टी को हर वर्ग का वोट सपोर्ट मिला है इसलिए उनका प्रत्याशी हजारों वोटो के अंतराल से चुनाव जीतेगा। जबकि भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े जिम्मेदार नेता का कहना है कि परिस्थितियां जो भी हो लेकिन भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित है। इसी तरह से एक निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों का कहना है कि उनके प्रत्याशी को अप्रत्याशित मत मिले हैं। प्रत्याशी के वोटो में बेशक कुछ कटौती हुई है, इसके बावजूद वह जीत का लक्ष्य आसानी से प्राप्त कर लेंगे।
फिलहाल देखने मैं आ रहा है कि कोई भी प्रत्याशी अपने आपको कमतर नहीं बता रहा है। शहर के कई संभ्रांत के लोगों का कहना है कि यदि मतगणना में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होती है और निष्पक्ष मतगणना होगी तो तेजी पकड़ चुकी साइकिल की रफ्तार नहीं थमेगी और पार्टी प्रत्याशी बड़े अंतराल से जीत दर्ज करायेगा। भारतीय जनता पार्टी जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई देती है। जश्न को मनाने के लिए तैयारियां शुरू कर देने की बात कही जा रही है। निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थक बिल्कुल हतोत्साहित नहीं है। वह भी अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। नगर निकाय चुनाव त्रिकोणीय रहा है इसी नकारा नहीं जा सकता है। इतना अवश्य है कि इस बार नगर पालिका परिषद चुनाव में ब्राह्मण मतदाता दो खेमों में बटा हुआ है। देखना है कि अधिकतर ब्राह्मण मतदाताओं ने किसके पक्ष में मतदान किया है इसकी जानकारी मतगणना के उपरांत हो सकेगी। मतगणना की जानकारी को लेकर प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों की धड़कने तेज हो गई हैं। 13 मई शनिवार को परिणाम आने के बाद तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। कुल मिलाकर शहर की जनता समाजवादी पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में अधिक मतदान होने की बात कह रही हैं। दूसरे व तीसरे नंबर पर निर्दलीय प्रत्याशी व भाजपा को बता रहे हैं। देखना है कि चुनावी मतगणना में किसकी किस्मत में राजयोग लिखा है और नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बैठेगा। यह भविष्य के गर्त में है।
इंसैट–
नगर पालिका परिषद प्रत्याशियों को मिल सकते हैं संभावित मत
औरैया। नगर निकाय चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों कि अलावा जनता जनार्दन की निगाह मतगणना पर टिकी हुई है। मतगणना को लेकर मात्र एक रात्रि का फासला है। ऐसी स्थिति को लेकर प्रत्याशियों की धड़कने तेज हो गई है। किसको कितने मत मिलेंगे इस बात को लेकर कुछ सूत्रों से जानकारियां प्राप्त हुई हैं। समाजवादी पार्टी के पक्ष में हर वर्ग का समर्थन मिलने की बात कही जा रही है। यह भी बताया जा रहा है कि भाजपा में पार्टी प्रत्याशी के विरोध में बड़े स्तर पर भितरघात किया गया है। बताया जाता है कि ब्राह्मण समाज में दो धडें हो जाने के कारण निर्दलीय प्रत्याशी को अपेक्षाकृत वोट उपलब्ध नहीं हो सके हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस,बहुजन समाज पार्टी एवं आम आदमी पार्टी के मतों को यदि मिला दिया जाए तो तीनों प्रत्याशियों के अधिकतम वोट 3000 तक हो सकते हैं।
एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा प्रत्याशी को गुत्थियों में उलझा रखने का कार्य किया गया है। भाजपा के ही लोगों ने चुनाव में पासे फेंके है, वह वास्तव में अकल्पनीय हैं। समाजवादी पार्टी का मत प्रतिशत बढ़ने का कारण है कि विभिन्न वर्गों के लोगों ने परिवर्तन की चाहत में अनचाहे ढंग से समाजवादी पार्टी का समर्थन बेशक ही किया है। इसे समाजवादी पार्टी की जीत नहीं परिवर्तन के नाम पर एकजुटता कहा जा सकता है। आपको बताते चलें कि समाजवादी पार्टी को क्षत्रिय समाज ब्राहमण समाज वैश्य समाज मुस्लिम समाज के साथ ही दलित वोट भी बड़े पैमाने पर मिला है इसके अलावा अन्य वर्गों का भी वोट मिला है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है। जिससे समाजवादी पार्टी को 13000 से लेकर 15000 वोट मिलने की संभावना है, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 5000 से 8000 के बीच मत मिल सकते हैं। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में 9000 से 13000 तक वोट मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। यहां पर जानकार लोगों का कहना है कि वह किसी की जीत-हार का दावा नहीं कर रहे हैं। इतना अवश्य है कि साइकिल की रफ्तार कम होती नजर नहीं आ रही है। बशर्ते मतगणना पक्षपात रहित निष्पक्ष होनी चाहिए।