विश्वकर्मा समाज में हुए दो फाड़, दूसरा धड़ा होगा भाजपा में शामिल !

मैथिल शर्मा समाज ने सपा महासचिव से नाराजगी व्यक्त की
16 अप्रैल को दोनों धडों की अलग-अलग होगी बैठक, सदर विधायक गुड़िया कठेरिया के समक्ष होंगे भाजपा में शामिल
जीटी-70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
12 अप्रैल 20 23
#औरैया।
मैथिल शर्मा विश्वकर्मा समाज लंबे अरसे से समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ माना जा रहा है। हाल ही में अपने वर्चस्व को लेकर विश्वकर्मा समाज दो धडो में बटता हुआ नजर आ रहा है।प्रथम धड़ा नवनियुक्त सपा जिला महासचिव ओम प्रकाश ओझा का है, वही दूसरा धड़ा विश्वकर्मा सेवा समिति के जिलाध्यक्ष अवधेश शर्मा एवं मैथिल शर्मा समाज के जिलाध्यक्ष नाथूराम शर्मा का है। आपसी तकरार के चलते विश्वकर्मा समाज दो धडो में बट गया है। इसी के चलते विश्वकर्मा समाज एवं मैथिल शर्मा समाज अलग-अलग स्थानों पर आगामी 16 अप्रैल को बैठक कर रहे हैं। विश्वकर्मा समाज की ओर से मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा एवं मैथिल शर्मा समाज की ओर से मुख्य अतिथि सदर विधायक गुड़िया कठेरिया होंगी। इसी दिन मैथिल शर्मा समाज सदर विधायक के समक्ष भाजपा में शामिल होगा।
मैथिल शर्मा विश्वकर्मा समाज के जिलाध्यक्ष नाथूराम शर्मा एवं विश्वकर्मा सेवा समिति के जिलाध्यक्ष अवधेश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि विभिन्न परिस्थितियों व कारणों को लेकर वे विश्वकर्मा महासभा से अलग हो रहे हैं। इसी के चलते वह लोग आगामी 16 अप्रैल को शहर के एक गेस्ट हाउस में बैठक करेंगे। इसके अलावा एक सैकड़ा से अधिक लोग सदर विधायक श्रीमती गुड़िया कठेरिया के सम्मुख भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। इस संबंध में जब नवनियुक्त जिला महासचिव ओम प्रकाश ओझा से दूरभाष के माध्यम से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि आगामी 16 अप्रैल को वह दिबियापुर में विश्वकर्मा समाज का एक सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। जिसमें विश्वकर्मा महासभा का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। कार्यकारिणी भंग होने के पूर्व निवर्तमान जिलाध्यक्ष रमेश शर्मा विश्वकर्मा महासभा के जिलाध्यक्ष रहे हैं। दिबियापुर में होने वाले कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री राम आसरे विश्वकर्मा होंगे। आपको बताते चलें कि उपरोक्क्तानुसार विश्वकर्मा समाज में दो फाड़ होना सुनिश्चित है। ऐसी स्थिति में समाज के बुद्धिजीवी एवं जागरूक लोगों का कहना है कि यदि समाज में यही सब होता रहेगा तो समाज का उत्थान कभी नहीं हो सकता है। इसके लिए समाज की एकजुटता अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर समाज बहुत ही कमजोर हो जाएगा और दो फाड़ समाज का तीसरा फाड होने से रोका नहीं जा सकेगा। समय के रहते इसमें सुधार होना अति आवश्यक है। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि क्या नारायणपुर में ही विश्वकर्मा समाज के लोग रहते हैं। बुद्धिजीवियों का कहना है कि ऐसा इस लिए प्रतीत होता है दो फाड़ करने वाले जो भी पदाधिकारी हैं वह सभी नरायनपुर के ही क्यों हैं? चंदा आदि के सहयोग में तो पूरे शहर के लोग रहते हैं, फिर समूचे शहर के लोगों को आखिर नजरंदाज क्यों किया जाता है? अपनी डफली अपना राग अलापने पर समाज के साथ धोखाधड़ी और कुठाराघात ही सिद्ध होगा। इतना ही नहीं समाज की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह अवश्य लग जाएगा। इसके अलावा समाज की गणना वैसे भी नहीं होती है विखंडित होने पर समाज का उत्थान नहीं हृरास्य होगा। निजी स्वार्थ में उठाया गया कदम समाज को कमजोर कर देगा इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है।