उत्तर प्रदेशलखनऊ

पुलिसकर्मियों को यात्रा भत्ता के स्थान पर चाहिए यात्रा के लिए निशुल्क पास

पुलिसकर्मियों को दैनिक तथा यात्रा भत्ते का समय से भुगतान न होने से पुलिसकर्मियों के अंदर तेजी से पनपी मुफ्त में यात्रा करने की प्रवृत्ति

उपरोक्त संबंध में कुछ पुलिसकर्मियों ने दिए अपने सुझाव

हरियाणा राज्य की तरीके से उत्तर प्रदेश में भी पुलिस कर्मियों के वेतन से कुछ धनराशि कटौती करके उन्हें उत्तर प्रदेश की रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा किए जाने की दी जानी चाहिए अनुमति

GT–7 007
News Network
Anoop gaur
Kanpur dehat

कानपुर देहात

पुलिस कर्मियों को सरकारी कार्य के लिए यात्रा करने पर उन्हें मिलने वाले यात्रा भत्ता व दैनिक भत्ता का समय से भुगतान ना हो पाने के कारण पुलिसकर्मियों में कार्य सरकार के दौरान फ्री यात्रा करने की प्रवृत्ति पनपी हुई है पुलिसकर्मियों द्वारा कई बार अक्कलकुवा प्राइवेट बसों में मुफ्त यात्रा की जाती है सरकारी/ प्राइवेट कार्य (घर जाने के लिए) भारतीय रेल परिवहन का प्रयोग किया जाता है ट्रेन के समय निर्धारित होने के कारण घंटों का विलंब झेलते हुए स्टेशन पर ट्रेन आने का इंतजार करना पड़ता है इसके अतिरिक्त ट्रेनों में रिजर्वेशन होने के कारण कई बार यात्रियों से झगड़े की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और गंतव्य पर पहुंचने में अनावश्यक विलंब होता है इस प्रवृत्ति के कारण पुलिसकर्मियों को कभी-कभी अपमान भी जगना पड़ता है और सामान्य जनता के बीच पुलिस विभाग की छवि धूमिल होती है और कई बार सरकारी कार्य में भी विलंब हो जाता है
पुलिस विभाग के लोगों का मानना है कि कई वर्ष पूर्व पुलिस कर्मियों के वेतन से कुछ धनराशि प्रतिमाह कटौती करके उन्हें परिवार समेत रोडवेज व रेलवे में फ्री यात्रा किए जाने हेतु अधिकृत किए जाने का प्रस्ताव लाया गया था परंतु पीएसी कर्मियों के विरोध के कारण उपरोक्त प्रस्ताव स्थगित कर दिया गया पुलिस विभाग के कुछ कर्मियों का सुझाव है कि उत्तर प्रदेश पुलिस में दिए जाने वाले यात्रा भत्ता और पुलिस कर्मियों के वेतन से प्रतिमाह न्यूनतम कटौती करने के उपरांत प्राप्त धनराशि का आंकलन कर लिया जाए इसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा रोडवेज व रेल विभाग से बैठक करके इस धनराशि से अवगत कराते हुए पुलिस जनों को उनके आश्रित एक पारिवारिक जन के साथ मुफ्त में यात्रा करने के लिए अधिकृत किए जाने का प्रस्ताव पारित कराया जाए इस कार्य से सामान्य जन में पुलिस विभाग की छवि सुधरेगी और सरकारी कार्य की गतिशीलता भी बढ़ेगी.यहां आप इस तथ्य से भी अवगत हो कि जब पुलिसकर्मी किसी अपराधी को अन्य जनपद के न्यायालय में पेशी के लिए ले जाते हैं तो उनका आने जाने का साधन अधिकतम रेल ही होता है कई बार पुलिसकर्मी रेल के समय के अनुरूप जेल से अपराधियों को समय से पहले ही बाहर निकाल लेते हैं और उसे असुरक्षित तरीके से कई घंटे तक इधर उधर असुरक्षित स्थानों या बैंरक में रखते हैं कई बार खतरनाक अभियुक्त को लेकर घंटों स्टेशन पर बैठकर रेल आने का इंतजार करना पड़ता है यह स्थिति अत्यंत ही खतरनाक होती है इसके अलावा अपराधियों के रेल से कूदकर भागने की भी विगत वर्षों में काफी घटनाएं हुई हैं कतिपय रेल के शौचालयों में खिड़की पर लोहे की ग्रिल नहीं होती है या वेल में चलने वाली भीड़ के चलते अपराधियों द्वारा अपने साथियों की मदद से उसे हटाना या तोड़ना काफी आसान होता है ऐसे में कई बार मुलजिम रेल की शौचालय से फरार हुए हैं इसके अलावा रेल में पुलिसकर्मियों पर हमला करके पेशी पर ले जाते वापस लाते समय बदमाश द्वारा अपने गिरोह के सदस्य को छुड़ा ले जाने की घटनाएं घटित की जा चुकी हैं प्रातः वास शासनकाल को दिन और रात के समय लंबे रूटों पर रोडवेज में आधी ही सवारी हो पाती हैं इस व्यवस्था के लागू किए जाने से रोडवेज बसों को खाली चलने के कारण होने वाले घाटे व धन हानि की भी कुछ प्रतिपूर्ति हो सकती है जैसा कि हरियाणा में पुलिस कर्मियों के वेतन से कुछ धनराज कटौती करके उन्हें परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने की अनुमति दी गई है इस प्रस्ताव में कुछ पुराने पुलिसकर्मियों, थाने के पैरोंकारों, डाक रनरो द्वारा व्यवधान किया जा सकता है क्योंकि थाने के पैरोकारो व डाक रनरो का यात्रा/ दैनिक भत्ता प्रतिमाह करोड़ों रुपए बनता है परंतु ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या 0;1 प्रतिशत ही होगी कुछ पुलिसकर्मियों का ऐसा विश्वास है कि नए पुलिसकर्मियों व पुलिस बल की अन्य शाखाएं जैसे सीबीसीआईडी, वायरलेस, फायर सर्विस, एल आई यू, जेड ओ, एसटीएफ, एटीएस, विधि विज्ञान प्रयोगशाला, यातायात, जीआरपी आदि द्वारा इस प्रस्ताव को काफी उत्साह से मंजूरी दिए जाने की प्रबल संभावना है पीएसी विभाग को इस प्रस्ताव से पूरी तरीके से अलग रखा जाना चाहिए यदि 300 रुपए प्रति व्यक्ति भी लिया जाए तो उत्तर प्रदेश पुलिस बल में लगभग 300000 कर्मचारी हैं इस प्रकार लगभग 9 करोड़ रुपया प्रतिमा सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी यह भी बिना किसी व्यापार या कंपनी को चालू किए हुए यहां पर इस तथ्य को भी ध्यान में रखा जाए कि रोडवेज तथा रेल विभाग द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन से अलग परिवार सहित मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती है जबकि इन विभागों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होती है इस संबंध में पुलिस के कुछ कर्मियों का सुझाव है कि रोडवेज व रेल विभाग की सुरक्षा पर होने वाले व्यय का आंकलन करके भी इसमें समायोजित धनराशि पुलिस विभाग द्वारा दिए जाने वाले यात्रा भत्ता पुलिसकर्मियों से प्रतिमा की जाने वाली कटौती मे धन ऋण में समायोजित किया जाए

Global Times 7

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