उत्तर प्रदेशलखनऊ

सरकारी अस्पतालों में प्रसव के तत्काल बाद जच्चा बच्चा की कर दी जाती छुट्टी

जच्चा बच्चा को 3 दिन अस्पतालों में रखने के नियम का हो रहा उल्लंघन

ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला ब्यूरोचीफ राम प्रकाश शर्मा औरैया।

औरैया। जिले में सरकारी अस्पतालों में महिलाओं के प्रसव के बाद 72 घंटे तक अस्पताल में रखे जाने के नियमों का सरेआम उल्लंघन किए जाने के साथ ही जच्चा बच्चा को दिए जाने वाली खाद्य सामग्री के नाम पर बड़ा घोटाला किए जाने की चर्चाएं जोर पकड़े हुए हैं। प्रसव के तत्काल बाद जच्चा-बच्चा की छुट्टी कर दिए जाने से कई बार जच्चा बच्चा की मौतें हो चुकने के बाद भी व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। क्षेत्रीय जागरूक लोगों ने शासन व जिला प्रशासन को शिकायती पत्र भेजकर मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की है।
कहने को तो सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराने के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं साथ ही प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को 72 घंटे तक अस्पताल में ही रखे जाने और इस 72 घंटे के दौरान जच्चा को 100 रुपए प्रति खुराक के हिसाब से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था निर्धारित है, किंतु जिले के सरकारी अस्पतालों में हालात यह कि प्रसव के तत्काल बाद जच्चा-बच्चा की छुट्टी कर जच्चा बच्चा को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की धनराशि पर संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से डांका डाले जाने की चर्चाएं तेज हो गई है। प्रतिदिन अस्पतालों में जितने प्रसव होते हैं उनकी संख्या के मुताबिक जच्चा की खाद्य सामग्री की धनराशि प्रसव के तत्काल बाद जच्चा बच्चा की छुट्टी कर डकार ली जाती है। यूं तो कागजों पर जच्चा-बच्चा की खाद्यान्न सामग्री के लिए ठेकेदार की कैंटीन की भी व्यवस्था है, किंतु यह संबंधित अधिकारियों की ठेकेदार से सांठगांठ के चलते जमीनी धरातल से कोसों दूर नजर आ रही है। प्रसव के तत्काल बाद जच्चा-बच्चा की छुट्टी कर देने का आलम यह है कि अस्पतालों में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को 72 घंटे तक रोके जाने की निर्धारित व्यवस्था को नजरअंदाज कर प्रसव के तत्काल बाद छुट्टी कर दिए जाने से घर पहुंचने पर जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ने की संभावना अधिक बनी रहती है और अब तक इन हालातों में घर पहुंचने पर कई बार जच्चा-बच्चा की मौतें भी हो चुकी है। लंबे अर्से से अधिकांश सरकारी अस्पतालों में हालत यह है कि प्रसव के बाद जच्चा बच्चा को 72 घंटे कि कौन कहे 3 घंटे भी न रखकर संबंधित अधिकारियों द्वारा धनराशि के बंदरबांट एवं जच्चा बच्चा की देखभाल से बचने के लिए जच्चा बच्चा की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। श्यामसुंदर रामनिवास अनिल कुमार सिंह धीरेंद्र सिंह आदि क्षेत्रीय जागरूक लोगों द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व जिलाधिकारी समेत कई अधिकारियों को अलग-अलग शिकायती पत्र भेजकर मामले की जांच कराने और दोषी पाए जाने वालों के विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की गुहार लगाई गई है। इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्रीवास्तव ने बताया है कि इस मामले की जानकारी फिलहाल उनके संज्ञान में नहीं है जल्द मामले की जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी और किसी भी कीमत पर नियमों का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button