हिंदुत्व आस्था पर प्रहार एवं षड्यंत्र –विद्यासागर त्रिपाठी

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला प़शासनिक संवाददाता
कानपुर देहात
भारतीय पुरातन धर्मग्रंथों में मोहन,मारण एवं उच्चाट्न,परकाया प्रवेश जैसी सिद्धियों का प्रमाण उपलब्ध है,श्री हनुमान जी को तो अष्ट सिद्धि नव निधियों के दाता होनें का प्रमाण तो भारत की हिन्दू जन मानस की अन्तरात्मा में विराजित “श्री रामचरित मानस,, में मिलता है जिस आस्था में हिन्दूत्व को जानने मानने वाला करोड़ों अध्यात्मिक हिन्दू पूर्ण विश्वास करता है,ऐसी आस्था पर अटूट विश्वास करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री(बागेश्वर धाम)की आस्था पर चोट पहुंचाने का एक सुनियोजित षड़यंत्र किया जा रहा है,सनातन धर्म पर वर्षों वर्ष से क्रिश्चियन मिशनरियों,इस्लामिक मजहबियों ने हिन्दू धर्म को बौना साबित करने के लिए अनेक कुप्रचार किये तथा लाखों हिन्दुओं का धर्मान्तरण कराया,लेकिन ऐसी मिशनरियों के विरुद्ध कभी कोई “श्याम मानव,, तथा अन्य उनके समर्थक संगठन सामने आकर विरोध दर्ज नहीं करा सके,किन्तु धीरेन्द्र शास्त्री जी (बागेश्वर धाम) द्वारा हिन्दुत्व पर लगातार व्याख्यान प्रचार प्रसार करने से उनकी बढ़ती लोकप्रियता तथा कुछेक धर्मान्तरण करके घर वापसी करने वाले हिन्दुओं की वापसी से हिन्दू विरोधी मानसिकता वाले संगठनों तथा राजनीतिज्ञों की चिंता एकाएक बढ गयी है, परिणामतः बी.बी.सी. से लेकर भारत के अन्दर बैठे वामपंथी कांग्रेसी तथा उनके अनुयायी धीरेन्द्र शास्त्री जी (बागेश्वर धाम) के विरोध में सारे अस्त्र शस्त्र लेकर सामने आ खड़े हुए हैं,ये सब वही लोग हैं जो किसी हिन्दुत्व को नहीं जानते,जो श्रीराम जी के अस्तित्व को नहीं मानते,जिन्हे श्रीरामचरित मानस में खोट नजर आता है,भक्त भगवान और पुजारी में विभेद करते हैं,तथा हिन्दू जनमानस को गुमराह करने के लिए भगवा वस्त्र त्रिपुंड लगाकर रूद्राक्ष भी धारण करते हैं लेकिन हिन्दू धर्म के हर आलोचक के साथ खड़े दिखाई देते हैं ।
ऐसी स्थितियों में प्रत्येक राष्ट्रवादी हिन्दू का नैतिक कर्तव्य बनता है कि भारतीय संस्कृति के पौराणिक ग्रंथों की प्रमाणिकता के आधार पर धीरेन्द्र शास्त्री (बागेश्वरधाम) के समर्थन में आगे आकर विरोधियों के द्वारा फैलाये जा रहे षड़यंत्रों को विफल करें ।