बैंक मैनेजर समेत तीन के खिलाफ मुकदमा दर्ज
औरैया निवासी एक व्यक्ति ने दर्ज कराया मामला
ग्लोबल टाइम-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, समाचार संपादक डॉ धर्मेंद्र गुप्ता औरैया, उत्तर प्रदेश।
औरैया। धोखाधड़ी करने और रुपए हड़पने के मामले में बैंक मैनेजर समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। बैंक मैनेजर के अलावा उसके माता-पिता के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज की गई है।दिबियापुर के संजय नगर निवासी अश्वनी कुमार तिवारी वर्तमान में औरैया शहर के शांति वाटिका के पास रह रहे है। बताया कि वह दिबियापुर स्थित केएमसी हॉस्पिटल में कार्यकर्ता था। इस कारण दिबियापुर शाखा स्थित पंजाब नैशलन बैंक आना- जाना था। तभी मुलाकात ब्रांच मैनेजर दीपक मांगलिक से हुई।
आगे बताया कि इसी दौरान लोन की रकम अदा न कर पाने की वजह से अश्वनी को केएमसी हॉस्पिटल बंद करना पड़ा। सन् 2021 में वह पीएनबी बैंक में वैभव इंटरप्राइजेज का करेंट अकाउंट खुलवाने पहुंचा। मैनेजर ने बैंक के कई फार्म और कागजों पर हस्ताक्षर कराने के बाद पैन, आधार कार्ड, वोटर आईडी समेत अन्य दस्तावेज ले लिए। तभी रात करीब आठ पत्नी ने फोन किया और घर में मैनेजर के आने की जानकारी दी। वह घर पहुंचा और मैनेजर ने कहा कि अकाउंट कंपनी के नाम खुलना है, और कुछ फार्म में हस्ताक्षर नहीं हुए, इसलिए वह घर आए। कागजातों पर हस्ताक्षर करने के बाद मैनेजर ने एक ऑफर दिया। बोला कि वह पीएनबी में मैनेजर है, अगर नए हॉस्पिटल में पार्टनर बनाते है तो लोन करवाने में कोई परेशानी नहीं होगी। यदि लोन दिबियापुर स्थित हॉस्पिटल की तरफ डिफाल्ट कर जाता है, तब भी अश्वनी को कोई दिक्कत नहीं होगी। मैनेजर अपने प्रभाव व पद का उपयोग कर लोन में सब्सिडी दिलाएगा और ब्याज की रकम भी माफ करवा देगा। इस पर अश्वनी ने लोन लेने से इंकार कर दिया। कुछ दिन बाद मैनेजर फिर घर आया और कहा कि उसने लखनऊ के जानकी पुरम विस्तार सूर्य एकेडमी के पास रहने वाले अपने पिता राम मूर्ति सिंह और मां नम्रता सिंह के नाम पर ओमिशा हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने की बात बोली। अश्वनी की कंपनी वैभव एंटरप्राइजेज के साथ एक कंट्रक्सन कॉन्ट्रैक्ट किया। जिसमें अश्वनी को 55 लाख रुपये की लागत से प्रमाण पत्र व एनओसी प्राप्त का लालच दिया। कागजात व प्रमाण पत्र बनवाने के बाद अस्पताल के सभी जरूरी यंत्र व उपकरण अश्वनी ने क्रय किए। बताया कि शुरुआत में तीनों आरोपितों ने भी कुछ पैसा अस्पताल निर्माण में खर्च किए। लेकिन तीनों आरोपित साजिशन पैसा अदा करने के समय बाद में हिसाब की बात करने की बात बोलकर अश्वनी से पेमेंट करवा देते थे। इस तरह ओमिशा हॉस्पिटल के निर्माण में 38 लाख 72 हजार 980 रुपये पास से खर्च किए। इसी बीच अश्वनी और राममूर्ति सिंह के बीच ओमिशा हॉस्पिटल को चलाने के लिए समझौता हुआ, जिसमें 25 प्रतिशत अश्वनी व राममूर्ति को 75 प्रतिशत आय प्राप्त होना शामिल है। आरोप है कि अस्पताल जब चलने लगा तो आरोपितों ने पैसे नहीं दिए और सुनियोजित तरीके और बल का प्रयोग करते हुए अस्पताल से निकाल दिया। अश्वनी ने एसपी चारू निगम से पुलिस से बैंक मैनेजर को दी पूरी धनराशि को एक मुश्त अदा करने और धनराशि पूरी होने तक अस्पताल का संचालन के अनुमति की मांग की। एसपी ने सदर कोतवाली पुलिस को बैंक मैनेजर व उसके माता-पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए। एसपी चारू निगम ने बताया कि बैंक मैनेजर और उनके माता-पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्जकर जांच के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। दोषी पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।






