उत्तर प्रदेशलखनऊ

Mathura: न्यू ईयर पर 20 लाख श्रद्धालु करेंगे गिरिराजजी के दर्शन, देसी नुस्खा दे रहा ठाकुरजी को सर्दी से राहत

गोपाल चतुर्वेदी
ग्लोबल टाईम्स 7 न्यूज
मथुरा
नववर्ष मनाने आने वाले
श्रद्धालुओं का आवागमन गुरुवार से ही शुरू हो जाएगा। लाखों श्रद्धालु परिक्रमा करने आएंगे। मेले के दौरान सड़क पर जाम और अतिक्रमण की समस्या न हो, इस पर जिम्मेदारों का विशेष ध्यान है। गोवर्धन आने वाले हर मार्ग पर पार्किंग की व्यवस्था है। श्रद्धालुओं को वाहन पार्क करने में परेशानी नहीं आएगी। सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। 21 किमी परिक्रमा मार्ग में अंधेरे को दूर करने के लिए समुचित रोशनी का भी इंतजाम किया है। नववर्ष पर यहां करीब 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं।
-एनसीआर के वाहनों को पार्किंग स्थल पर रोका जाएगा
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र से आने वाले वाहनों को पार्किंग स्थल पर ही रोका जाएगा। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी लगवाए जा रहे हैं। परिक्रमा मार्ग की सफाई व्यवस्था के लिए अतिरिक्त सफाईकर्मी नियुक्त किए हैं। परिक्रमार्थियों को सर्दी से राहत देने के लिए जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई है। थाना प्रभारी नितिन कसाना ने बताया कि श्रद्धालु किसी भी मार्ग से आएं, वाहन पार्क करने में परेशानी नहीं आने वाली है। प्रशासन ने गोवर्धन पहुंचने वाले हर मार्ग पर पार्किंग की व्यवस्था की है। उन्होंने आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वृद्ध व बच्चों की जेब में नाम पता के साथ मोबाइल नंबर की पर्ची जरूर रखें। कलियों से महकेगी गिरिराजजी की बगिया
मुकुट मुखारविंद मंदिर के सेवायत रोहित सीटाटीया ने बताया कि फूल बंगला के लिए मलेशिया से खास तरह का पुष्प काकरेट गिरिराजजी की सेवा में मंगाए जाते हैं। विदेशी घास भी मंदिर प्रांगण की शोभा में चार चांद लगाएगी। दानघाटी मंदिर सेवायत दीपू पुरोहित ने बताया कि गुलाब, गेंदा, गिलाट, मोंगरा, पान पराग के पत्ते, चमेली से सजावट की जाएगी। गुलदावरी और कुंद के फूल इंदौर और बैंगलुरू से मंगाए हैं, रजनीगंधा दिल्ली से आएगा। पवित्रता, सुंदरता और भक्ति का अनूठा संगम वातावरण को अलौकिक बना देगा।
सर्दी से बचाव के इंतजाम
भगवान के प्रति वात्सल्य भाव ही ब्रजभूमि की भक्ति है, पालनहार को बाल स्वरूप में लाड़ लड़ाया जाता है। जिस तरीके से बच्चे का खानपान और कपडे़ मौसम के साथ बदलते हैं। उसी तरह से भक्त अपने भगवान की सेवा में बदलाव कर देते हैं। प्रभु को भाव का भूखा बताया जाता है, इसीलिए प्रभु की सेवा उनके भक्त निराले ढंग से करते हैं। सर्दी में गिरिराजजी के भक्तों को प्रभु के स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है। बढ़ती ठंड से गिरिराजजी बीमार न पड़ जाएं, इसके लिए शयन के समय मखमली रजाई का प्रयोग किया जा रहा है। भगवान का सर्दी से बचाव करने को भक्त तमाम प्रयास कर रहे हैं। अंगीठी जलाकर उनकी सर्दी दूर की जा रही है।

Global Times 7

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