बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए विटामिन ए जरूरी

सीएचसी दिबियापुर से शुरू हुआ बाल स्वास्थ्य पोषण माह
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज नेटवर्क, समाचार संपादक डॉ धर्मेंद्र गुप्ता औरैया, उत्तर प्रदेश।
औरैया। बुधवार को बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए विटामिन ए जरूरी है। नौ माह से पांच साल तक के बच्चों को हर छह माह के अंतराल पर विटामिन-ए की खुराक दी जाती है। इससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। यह बातें बुधवार को पूर्व मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दिबियापुर में बाल स्वास्थ्य पोषण माह के शुभारम्भ के दौरान कहीं। उन्होंने यहां बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई। उन्होंने शासन द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में संचालित की जा रही जन उपयोगी योजनाओं की जानकारी
दी।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकार डॉ शिशिर पुरी ने बताया कि प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान टीकाकरण केंद्रों पर आने वाले नौ माह से लेकर पांच साल तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जाएगी। नौ से बारह माह तक के बच्चों को आधी चम्मच यानी एक एमएल, एक से पांच साल तक के बच्चों को दो एमएल दवा दी जानी है। स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में नौ माह से पांच साल तक बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई। एक माह तक चलने वाले इस
अभियान में नौ माह से लेकर पांच साल तक के करीब 1.68 लाख शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी। अभियान प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण के साथ चलाया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि विटामिन ए से रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत होती है। स्किन भी सही होती है। हड्डियां मजबूत और घाव भरने में भी मदद करती है। विटामिन ए में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो आंखों की बीमारियों के खतरे कम करता है।इम्यून सिस्टम के कार्यों को बेहतर बनाने और दिल, फेफड़े, किडनी के साथ ही शरीर के दूसरे आवश्यक अंगों के कार्यों को भी सामान्य रखने के लिए विटामिन ए की भूमिका काफी अहम होती है। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान नौ से 12 माह के 19124,एक से दो साल के 36032 , दो से पांच साल के 113497 बच्चों समेत कुल 1 लाख 68 हजार 653 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जानी है। इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी शाक्य, एचईओ विवेक त्रिवेदी, डॉ विजय आनंद, सहयोगी संस्था यूनिसेफ और यूएनडीपी के प्रतिनिधि सहित बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रहे।