उत्तर प्रदेशलखनऊ

ठाकुर राधावल्लभ महाराज मंदिर में मनाया गया खिचड़ी महोत्सव


गोपाल चतुर्वेदी
ग्लोबल टाईम्स 7 न्यूज
वृंदावन(मथुरा)। ठाकुर राधावल्लभ मंदिर में रविवार से पारंपरिक खिचड़ी महोत्सव शुुरू हो गया। सुबह ठाकुर राधावल्लभ महाराज ने सर्वांग वेश में दर्शन दिए। इस अवसर पर खिचड़ी जुगल रुचि सौ खात… आदि भजनों का भी गायन हुआ। महोत्सव में उमड़े भक्तों को सेवायतों ने दिव्य खिचड़ी का प्रसाद भी वितरित किया।
रविवार की सुबह 7.30 बजे पट खुलते ही मंदिर प्रांगण ठाकुर राधावल्लभ महाराज के जयकारों से गूंज उठा। झांकी के दर्शन के समय में संप्रदायाचार्यों द्वारा रचित वाणियों का सस्वर गायन भी किया। खिचड़ी जुगल रुचि सौ खात, पौष शुक्ला दौज तै लै मास एक प्रभात…दही कचरी वर संधाने बरा पापर घीय, ढिग अंगीठी धरी मीठी लगत प्यारी पीय…आदि समाज गायन किया। इस अवसर पर मंदिर सेवायत टीकैत अधिकारी राधेशलाल गोस्वामी, मोहित मराल गोस्वामी उपस्थित थे।
खिचड़ी में डाले जाते हैं कई प्रकार के व्यंजन
ठाकुर राधा वल्लभ मंदिर के सेवायत हितविशाल लाल गोस्वामी ने बताया कि राधावल्लभ लाल की खिचड़ी मेवा व नाना प्रकार के व्यंजनों से बनाई जाती है। यह मंगला आरती से पूर्व श्रीजी को प्रस्तुत की जाती है। अलसुबह तीन बजे से ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है। उन्होंने बताया कि खिचड़ी के साथ नाना प्रकार के साग, अचार, पापड़, फल, मेवा, सुगंधित पदार्थ, केशर, कस्तूरी, अदरक आदि 32 प्रकार के पदार्थ मिलाए जाते हैं। जायफल, जावित्री, विभिन्न प्रकार के नमक, अनारदाना, आलू बुखारा, सूखे मेवा से यह अत्यधिक चटपटा व पाचक बनता है। दिव्य प्रसाद में कुलिया, ठंड में जमी हुई रबड़ी व चिपिया, श्रीखंड के रूप में दही के स्वाद की व्याख्या कर पाना मुश्किल है।

Global Times 7

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