उत्तर प्रदेशलखनऊ

पसेमा गांव में पानी सप्लाई व्यवस्था चर्मराई,हैंडपंपों पर दबंगों का अधिपत्य!

भीतरगांव बीडीओ बोले यह मामला मेरे विभाग का नहीं,जल निगम विभाग अपनी मस्ती में चूर !

ग्रामीण चार पांच दिनों से बूंद बूंद पानी को तरसे,विकास खंड से महज दो किमी पर बसा पसेमा गांव !

Global Times7 News Network Teem Lucknow Uttar Pradesh

Kanpur nagar !
सप्लाई व्यवस्था को भीतरगांव ब्लाक के पसेमा गांव के ग्रामीण परेशान हैं,जहां लगभग बीते चार – पांच दिनों से लगातार पीने वाला पानी नहीं मिल पाने के कारण गाए वासियों को जिल्लतें झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जल निगम के जेईई व एक्सीयन तक सूचना दी गई लेकिन सिर्फ मामले को दिखवाया जा रहा है जैसे प्रतिउत्तरों का जबाव अभी तक प्राप्त होता रहा, बल्कि पानी की समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों के पास किसी ने भी अभी तक पहुंच कर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश तक नहीं की ।
विदित हो कि विकास खंड भीतरगांव ब्लाक के निकटतम लगभग दो किमी पर बसा पसेमा गांव में ग्रामीणों को पीने वाले पानी टंकी सप्लाई व्यवस्था से चार पांच दिनों से घरों में पानी नहीं पहुंच सका, जिसकी सूचना ग्रामीणों ने विभागीय अधिकारियों को दी लेकिन किसी ने समस्याओ को संज्ञान में नहीं लिया , वहीं ग्रामीण वीरेंद्र कोरी,शैलेन्द्र यादव, दिनेश मिश्रा,अतुल मिश्रा,मनीष प्रजापति, राघवेंद्र यादव आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि भीतरगांव से पसेमा आने वाली सप्लाई के पाइप में अवैध रूप से खेतों में कनेक्शन कर दिए गए हैं जिससे कि खेतों की सिंचाई की जाती है । बल्कि घरेलू कनेक्शन पर कोई ध्यान ही नहीं दिया गया । वहीं ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि गांव में जहां कहीं भी सरकारी इंडिया मार्का हैंडपंप लगाए गए हैं वहां पर भी दबंगों का अधिपत्य ही क़ायम है, जिससे कि अन्य लोगों को पानी भरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गांव में पानी सप्लाई व्यवस्था न हो पाने पर सम्वंधित विभाग के जब एक्यीयन के दूरभाष नं 9473942735
पर बात की गई तो मामला संज्ञान में न होने की बात कही, वहीं जेईई को निर्देशित करने व स्वयं ग्रामीणों से तत्काल बात कर समस्याओ के समाधान कराने की बात कही।

आखिरकार क्या बोले जिम्मेदार भीतरगांव खंड विकास अधिकारी!

विकास खंड की पसेमा गांव में पानी सप्लाई व्यवस्था की समस्या को लेकर खंड विकास अधिकारी भीतरगांव चंद्रमणि से बात की गई तो उन्होंने साफ शब्दों में यह कह डाला कि यह मामला मेरे विभाग से संबंधित नहीं है, यह मामला जल निगम विभाग से संबंधित है। और यदि मैं जल निगम विभाग के अधिकारी व कर्मचारी से कुछ कहूंगा भी तो उसने यह कह दिया कि आप कौन होते हैं हमारे विभाग के अधिकारी !

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