उत्तर प्रदेशलखनऊ
प्रदेश की 40 सीएचसी में, नेत्र रोगियों के ऑपरेशन बाधित

- माइक्रोस्कोप न होने से है समस्या
- शासन स्तर से नहीं हुई है व्यवस्था
1 दिसंबर
अवध दीक्षित मुख्य न्यूज एडीटर जीटी-7
कानपुर परिक्षेत्र (कानपुर)। एक ओर सरकार जहां मरीजों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा कर रही है। वहीं, प्रदेश की 40 सीएचसी में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने के लिए माइक्रोस्कोप नहीं है। कानपुर जनपद के कस्बा घाटमपुर स्थित बेनीसिंह अवस्थी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नेत्र रोगियों के ऑपरेशन पिछले दस महीनों से नहीं हो पा रहे हैं। वजह सीएचसी में माइक्रोस्कोप मशीन का खराब होना बताया गया है। शासन स्तर से अभी तक नई मशीन की व्यवस्था नहीं की गई है।
कानपुर जनपद की प्रमुख सीएचसी घाटमपुर में प्रतिवर्ष अक्टूबर के महीने से लेकर मार्च के महीने तक सैकड़ों की संख्या में नेत्र रोगियों के फेको विधि से मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जाते हैं। सीएचसी का रिकार्ड बताता है कि यहां पर आंखों का ऑपरेशन कराने के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं।
इधर सीएचसी में आंखों का ऑपरेशन करने के लिए उपलब्ध माइक्रोस्कोप फरवरी 2022 में खराब हो गया था। इसके बाद से नेत्र रोगियों के ऑपरेशन ठप हो गए। और तब से दूसरी मशीन की व्यवस्था नहीं की गई है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक पहले माइक्रोस्कोप की खरीद सीएमओ स्तर पर हो जाया करती थी। जिसके चलते मशीन की खराबी ठीक होने या नई बदले जाने की आवश्यकता में अधिक से अधिक एक सप्ताह का समय लगता था। लेकिन वर्तमान सरकार ने व्यवस्था को बदलकर इसकी खरीददारी का जिम्मा खुद ले लिया है। सीएमओ कानपुर डॉक्टर आलोक रंजन के स्तर से मिली जानकारी के मुताबिक अबतक माइक्रोस्कोप मशीन के लिए कईबार लिखा जा चुका है। लेकिन अभीतक व्यवस्था नहीं हो पाई है।
बताया गया कि यही हालात बिल्हौर सीएचसी में भी हैं। वहां पर भी माइक्रोस्कोप न होने से मरीजों की आंखों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। वही सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूरे प्रदेश में 40 सरकारी अस्पतालों में माइक्रोस्कोप मशीन नहीं हैं। जिससे वहां पर नेत्र रोगियों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन बाधित हैं।
फोटो- सीएचसी घाटमपुर