जिला संयुक्त चिकित्सालय औरैया में भ्रष्टाचार का आलम

प्रसूता के पति से महिला कर्मचारी ने मांगे 5 हजार नहीं देने पर अस्पताल से भगाया
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला संवाददाता राम प्रकाश शर्मा औरैया।
औरैया। शहर के 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में भ्रष्टाचार का आलम लंबे समय से चला आ रहा है। सीएमएस की कृपा पात्र एक महिला कर्मचारी ने प्रसूता के पति से डिलीवरी करवाने के नाम पर सुविधा शुल्क के रुप में रुपए मांगे। जब महिला के पति ने असमर्थता जताई उसी समय महिला कर्मचारी ने उसे डांटते हुए कहा कि जब पैसा नहीं है तो यहां क्यों लाये हो।
यह कहते हुए अस्पताल से भगा दिया। इसके बाद अस्पताल के बाहर सड़क पर सीएमएस सहित डॉक्टर का मजमा लग गया और पुनः अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के नाम पर महिला को कोई तवज्जो नहीं दी गई। महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी। इतना ही नहीं सुविधा शुल्क मांगने वाली महिला कर्मचारी अस्पताल छोड़ कर चली गई।
विकासखंड भाग्यनगर थाना फफूँद क्षेत्र के ग्राम तर्रई फतेहपुर बेनी निवासी सज्जन शर्मा पुत्र लाखन सिंह शर्मा की पत्नी विमला देवी को गुरुवार की शाम प्रसव पीड़ा हुई। जिसके चलते वह अपनी पत्नी को 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में लाया और भर्ती कराया। उसी समय अस्पताल की महिला कर्मचारी ने सज्जन से प्रसव कराने के नाम पर 5 हजार रुपए की मांग की। जिस पर महिला के पति ने कहा की उसके पास रुपए नहीं है, तभी महिला कर्मचारी ने उसे डांटा और कहा कि जब तुम्हारे पास रुपए नहीं है तो यहां क्यों लाये। यहां से और कहीं ले जाओ। इसी बात को लेकर महिला का पति अपनी पत्नी को गोद में उठाकर दूसरी जगह ले जाने के लिए निकला और महिला को वाहन का इंतजार करते हुए सड़क के किनारे फुटपाथ पर लिटा दिया। यह नजारा देखकर अस्पताल के चिकित्सकों में हलचल मच गई। मामला गर्म होता देख कर सीएमएस व अन्य चिकित्सक अस्पताल के बाहर सड़क पर आये और स्ट्रेचर मगाकर महिला को पुनः अंदर ले गये, और भर्ती कराया। साथ ही महिला के पति से कहा कि उससे कोई भी रुपए नहीं मांगेगा।मामला बढ़ता देख कर महिला कर्मचारी अस्पताल से रफूचक्कर हो गई। आपको बताते चलें कि प्रसव पीड़ा से महिला वार्ड में तड़प रही थी एवं उसे ब्लीडिंग हो रही थी। लेकिन डॉक्टरों ने कोई भी तब्जो नहीं देकर महिला को तड़पता छोड़ दिया। महिला समाचार लिखे जाने तक वार्ड में बुरी तरह से तड़प रही थी, लेकिन उसकी देखरेख करने के लिए ना तो कोई महिला स्टाफ ही पास में था और ना ही चिकित्सक। जबकि प्रसूता बुरी तरह से छटपटा रही थी। इस संबंध में जब सीएमएस राजेश मोहन गुप्ता से दूरभाष के माध्यम से जानकारी चाही तो वह घटना से पहले तो मुकर गये, फिर जब कहा कि आप भी सड़क पर पहुंचे थे, तब उन्होंने कबूल करते हुए कहा कि महिला को स्ट्रेचर से अंदर लाया गया है, और महिला के पति को शराब के नशे में बताया, साथ ही महिला कर्मचारी को बचाने की कोशिश करते नजर आए। आगे की बात सुनना उन्होंने मुनासिब नहीं समझा और फोन काट दिया।