उत्तर प्रदेशलखनऊ

दीपावली का पर्व नजदीक आते ही तेजी से घूमने लगी कुम्हारों की चाक


????कुम्हारों इस बार अधिक बिक्री की लगाए हुए हैं उम्मीद


राम मिलन शर्मा जिला न्यूज ब्यूरो G t-7न्यूज नेटवर्क

रनिया कानपुर देहात
दीपावली का पर्व नजदीक आते ही कुम्हारों की चाक तेजी से घूमने लगी है परंपरा को जीवित रखने में इनका योगदान हमेशा सराहनीय रहा है दिप पर्व पर मिट्टी के दीयों से घर को रोशन करने की परंपरा सदियों पुरानी है इसका अपना महत्व भी है ऐसे में दीपावली नजदीक आते ही कुम्हार दिए बनाने के काम में तेजी से जुट गए हैं उन्हें उम्मीद है कि इस बार उनकी दिवाली भी रौशन रहेगी बताते चलें कि पिछले कुछ समय में आधुनिकता के इस दौर में दियों का स्थान बिजली की झालरों ने ले लिया है ऐसे में कुम्हारों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया है ।

दिवाली का यह पर्व दीपों का त्योहार माना जाता है जहां दीपक की रौशनी में लोग सुख और समृद्धि की कामना करते हैं इसी को लेकर लोग अपने अपने घरों में दीपावली मनाने की तैयारियों में जहां जुटे हैं तो वही कुम्हार भी दीपक और पूजा पाठ के लिए मिट्टी के कलश आदि बनाने में भी दिन रात एक किए हुए हैं और शीघ्रता से अपना कार्य पूरा करने में जुट गए हैं कुम्हार समाज के लोगों में अधिक से अधिक दिए बेचने की होड़ लगी हुई है कुम्हारों द्वारा दर्शाया गया है कि इस बार बिक्री तेज होने की उम्मीद है जिस कारण कुम्हार समाज इन दिनों बड़ी तन्मयता और मेहनत से घरों में रोशनी करने वाले दीपों को बनाने में जुटे है कड़ी मेहनत के बाद भी आज उनका व्यवसाय तो बरकरार है मगर हम और आप बदलती जीवन शैली के साथ अपनी परंपरा सभ्यता को दरकिनार कर आधुनिकता का दामन पकड़ कर इस सामाजिक परंपरा से दूर होते जा रहे हैं इससे कुमारों की जिंदगी में ने मुश्किल खड़ी कर दी है।

Global Times 7

Related Articles

Back to top button