कवि सुरेश फक्कड़ के निधन पर शोक।

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कवि सुरेश पकड़ जी का अंतिम संस्कार शुक्लागंज गंगा घाट में विधि विधान के साथ आजाद और विकास ने किया।।
ग्लोबल टाइम्स 7
न्यूज़ नेटवर्क
उन्नाव ब्यूरो
फुन्नी त्रिपाठी
उन्नाव तहसील बीघापुर क्षेत्र के सहारनपुर गांव के जन्मे साहित्य के पुरोधा वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर कवि श्रेष्ठ सुरेश फक्कड़ जी के निधन से साहित्य जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है जिसे पूरा करना असंभव सा प्रतीत होता है। जनपद उन्नाव के बैसवारा क्षेत्र में सैरमपुर गांव में जन्मे फ्क्कड़ जी ने ग्राम विकास अधिकारी से लेकर ऑडियो तक का सफर पूरा किया। साहित्य के क्षेत्र में उन्होंने एक क्षितिज को छुआ है। अपने जीवन काल में दर्जनों किताबें लिखी और नए-नए आयाम स्थापित किए उन्होंने जिस जिस क्षेत्र में कदम रखा फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। राष्ट्रीय कवियों में उनका नाम शुमार किया जाता रहा है। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। हिंदी काव्य जगत में वीर व श्रृंगार रस के पुरोधा कवि, साहित्यकार, ग्राम विकास विभाग में सहायक विकास अधिकारी पद से सेवानिवृत, कवि सम्मेलन की शान रहे सुरेश फक्कड़ आज हम सब को छोड़कर गोलोकवासी हो गए। लोगों को जैसे ही उनके निधन की सूचना मिली वे शोक में डूब गए। सुरेश फक्कड़ ओज के साथ श्रृंगार के मझे हुए कवि थे उनके निधन से साहित्य जगत को खासकर उन्नाव के साहित्य क्षेत्र की अपूर्णीय क्षति हुई। उनके निधन की सूचना पर साहित्य, राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका अंतिम संस्कार शुक्लागंज के पक्के घाट पर वैदिक विधि विधान से उनके पुत्र आजाद और विकास ने भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति में संपन्न किया।