श्रीराम कथा के चौथे दिन राम जन्मोत्सव का का हुआ व्याख्यान !

*जीटी 7 डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क टीम औरैया कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा। 24 मई 2025* *कुदरकोट,औरैया।* तहसील क्षेत्र के ग्राम कुदरकोट के शनि देव मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन गुरुवार को राम जन्मोत्सव मनाया गया। इस मौके पर मौजूद श्रद्धालु भगवान श्रीराम सहित चारों भाइयों के जन्म कथा का श्रवण कर झूम उठे। श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या से आए कथा वाचक पं स्वामी आशीष नारायण महाराज ने राम जन्म प्रसंग की ऐसी व्याख्या की कि श्रोता भावविभोर हो उठे। कथा वाचन के दौरान स्वामी ने कहा कि तीन कल्प में तीन विष्णु का अवतार हुआ है और चौथे कल्प में साक्षात भगवान श्रीराम माता कौशल्या के गर्भ से अवतरित हुए है। श्रीराम जन्म प्रसंग से पूर्व स्वामी ने सती प्रसंग की विस्तार से व्याख्यान किया। .उन्होंने कहा कि एक बार माता सती भगवान शंकर बिन बताए ही माता सीता का रूप धारण कर भगवान राम की परीक्षा लेने चली गई। लेकिन भगवान श्रीराम ने उन्हें पहचान कर पूछ लिया हे माता आप अकेले कहां घूम रही है। जिसे सुन माता सती संकोच में पड़ गई। लेकिन भगवान शंकर ने ध्यान लगाकर सती द्वारा भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की बातें जान ली। जिसके बाद भगवान शंकर इस सोच में पड़ गए कि सती माता सीता का रूप धारण कर भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने चली गई। अब ऐसी स्थिति में मैं सती से प्रेम कैसे कर सकता है। स्वामी जी ने आगे कहा कि माता सती के पिता राजा दक्ष के यहां यज्ञ हो रहा था।जिसमें शामिल होने के लिए माता सती ने भगवान से अपनी इच्छा जाहिर की थी। जिस भगवान शंकर ने माता सती से कहा कि तुम्हारे पिता ने यज्ञ में आने के लिए हमलोगों को आमंत्रित नहीं किया है। हालांकि माता-पिता, गुरु एवं मित्र के घर जाने के लिए आमंत्रण की जरूरत नहीं होती है। जहां मान नहीं हो वहां बिन बुलाए जाना भी नहीं चाहिए। संगीतमय श्रीराम कथा सुनने के लिए हर शाम बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो रही है। श्रीराम कथा के अमृत वर्षा में श्रद्धालु गोता लगा रहे है। स्वामी जी के मुखारबिद से श्रीराम कथा सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो जा रहे है। इस अवसर पर पुजारी रामकुमार चौरसिया शिवम राजीव बाथम सिंकु यादव बलराज सिंह यादव अमित तिवारी धीरेंद्र तिवारी आदि भक्ति गण मौजूद रहें।