उत्तर प्रदेश

आखिर किसके संरक्षण में ग्रामीण बैंक शाखाओं के गेट पर संचालित हो रहे जनसेवा केंद्र।

डिजिटल इंडिया के नाम पर उपभोक्ताओं छल!

बैंक द्वारा आवटित लोकैशन गांवों में न संचालित होकर बैंकोंके इर्द गिर्द ही खुलेआम धमाचौकडी मचा रहे बैंक मानक विपरीत सैकडों बैंकिंग सेंटर्स

बैक शाखा परिसर के अंदर व शाखाओं से लगभग 200 मीटर दूर परिधि पर संचालन की होती है बैकिंग नियमावली व प्रावधान – बैंक विभागीय आधिकारी

प्रभाकर अवस्थी
कानपुर नगर ।
शासन द्वारा गांव समेत कस्बा शहरों में बैंक शाखाओं को खुलवाकर ग्रामीण व शहरी जनता को बैंकिंग सेवाओं से लाभान्वित कराने का कार्य पिछले कई सालो से कार्य होता चला आ रहा है, इतना ही नही प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा डिजिटल इंडिया को बढावा देते हुये प्रत्येक निचले पर लोगों को बैंकों से जोडकर उनके खाते खुलवाकर बैंकिंग एवं सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके, का कार्य कराते हुये बढावा दिया गया । जहां इसी के तहत बैंकों अधिक लोड बढने के तहत मोदी जी विगत वर्ष 2014-15 में प्रधान मंत्री जन धन योजना की लांचिग की, जिसके तहत बैंकों के सहयोग हेतु शासन व बैंको की मध्यस्थता के बीच विभिन्न कंपनियों के माध्यम से वित्तीय समावेशन के तहत बैंक मित्रों का चयन किया गया । जिनका कार्य एवं उद्देश्य यह था कि जो भी दूरस्थ गांवों के लोग है उन्हें अपने ही गांव में आसानी से मिनी बैंक / बैंकिग ग्राहक सेवा केदों के माध्यम से हर प्रकार की बैंकिंग सेवाओं एवं योजनाओं का लाभ मिल सके। और बैंक शाखाओं तक पहुचने के लिये व्यर्थ की भाग दौड न लगानी पडे ।
आपको बताते चले कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकत्तर जगहों पर बडौदा यू पी बैंक की ही सिर्फ शाखाएं खुली पूरे जनपद में 70-75 के लगभग खुली हैं, बडौदा यू पी ग्रामीण बैंक क्षेत्रिय कार्यालय से जुडकर जिसमें सहयोगी बैंकिंग सेवा केंदों की संख्या 184 है, जो नियत बैंक द्वारा दिये गये लाईसेसो एवं कोड को दूरस्थ गांवों में अपने आवंटित होकर गांव लोकैशन संचालित होने का बैंकिंग नियमावली एवं शासनादेश भी है‌ ।
इसके विपरीत ठीक देखने मे आ रहा है कि बडौदा यू पी ग्रामीण बैंक क्षेत्रिय कार्यालय से जुडें हुये 184 बैंकिग सेवा केंदों में शायद ही जो विरला केंद शासन एवं बैंक मानक व नियमावली के तहत संचालित हो रहैं ‌। बाकि सभी या तो बैंक परिसर के अंदर ही, बैंक शाखाओं के ठीक गेट पर याफिर बगल में सम्वंधित बैंक शाखा प्रबंधकों की खुली संलिप्ता,बैंक अधिकृत मध्यस्था वाली जिले की विभिन्न कंपनियों के एरिया मैनेजरो के कमीशन खोरी व क्षेत्रिय कार्यालय के जिम्मेदार बैंक अधिकारियों की कृपा दृष्टि के ठीक नाक के नीचे जिले के सैकडों बैंक सेवा केंद असंवैधानिक रूप से धडड्ले से चल रहे हैं।
ज्ञातव्य होकि जिले की बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं यथा- बिल्हौर,चौबेपुर, उत्तरीपूरा, साढ, नरवल,शिवराजपुर, दिलीपनगर,विषधन, घाटमपुर, बिधनू आदि करीब आधा सैकडा शाखाओं से जुडे बैंक सेवा केदों का संचालन धडड्ले से शाखा प्रबंधकों एवं सम्वंधित कार्पोरेट कंपनियो की संलिप्तता व क्षेत्रिय कार्यालय के अफसरों की असंवैधानिक गैर मानक संचालित सेवा केंदों के लाईसेंस कृपा पात्र बने हुये हैं ।

इनसेट
जब बैंक शाखाओं के गेट पर,बगल में ही कराना था संचालन तो फिर गांवों के नाम का आवंटन फिर क्यो ?

अब ऐसी दशाओं में बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यप्रणाली व्यवस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगते हुये एक बडा सवाल खडा हो जाता है कि यदि सैकडों की संख्या में संचालित बैंकिंग सेवा केदों का खुलेआम संचालन बैंक शाखों के गेट पर, बैंक शाखाओं के बगल में ही कराना था तो शासनादेश एवं बैकिंग मानक व नियमावली के तहत बैंकिंग सेवाओं व योजनाओं से अछूते दूरस्थ गांवों के नामों पर बैंकिंग सेवा केंदों के लाईसेसों एवं आवटंन की प्रक्रियाऐं ही क्यो अपनाई गयी?

इनसेट
बैंक शाखाओं से जुडे हुये बैंकिंग सेवा केंद ग्राहकों के लिये साबित हो रहे अर्थहीन अर्थात औचित्यहीन क्यो ?

शासन स्तर से सिर्फ बैंक शाखाओं के कागजो पर ही सेवा प्रदाता कंपनियों के एरिया मैनेजरो के मध्यस्थता में बैकिंग सेवा केदों का संचालन निर्धारित गांंव गांव भले ही हो रहा हो, लेकिन धरातलीय व जमीनी हकीकतें कुछ और ही उजाकर होकर दिखती है। बैंक शाखा के कार्य क्षेत्र वाले गांव आवंटित सेवा केदों के बैक शाखाओं के गेट पर शाखा परिसर के अंदर ही संचालन कराकर बैंक के सरकारी अफसर मोदी जी एवं योगी जी के मंसूबों पर सीधे तौर पानी फेर कर खुलेआम उनके निर्देशों को चुनौती भेंट करते हुये भरपूर देखे जा रहे हैं। इसके साथ जिस गांव के नाम से बैंकिंग सेवा केद का संचालन उस ही गांव में न होने से बैंक खाता धारकों को बैंकिंग सेवा व सरकारी योजनाओं जुडी समस्याओं से निजात एवं लाभ लेने के लिये व्यर्थ की भागदौड कर बैंक शाखाओं अथवा शाखा परिसर के अंदर अर्थात बैंक शाखाओं के गेट पर संचालित हो रहे सेवा केदों पर चक्कर लगाना एक बडी विवशता है‌।

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क्या बोले जिम्मेदार –

जब ऐसे मामले कानपुर डीएम आफिस एवं एडीएम सिटी से संवाददाता द्वारा वार्ता की गई तो उन्होने बताया कि मामला संज्ञान में आया सम्वंधित बैंक के क्षेत्रिय कार्यालय को लिखित पत्र भेजकर जानकारी ली जायेगी, तत्पश्चात जांचोपरांत अग्रिम कार्यवाही अवश्य ही अमल में लाये जाने का प्रयास किया जायेगा, शासन के निर्देशों का कडाई से पालन कराने का प्रयास किया जायेगा।

उधर,बडौदा यूपी ग्रामीण बैंक क्षेत्रीय कार्यालय काकादेव कानपुर तेज पाल सिंह से फोन वार्ता के माधयम से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उन्होने बताया कि लगभग सभी बैंकिंग सेवा केदों का संचालन अपने आवंटित गांव नियत लोकैशन पर ही हो रहा है, बैंक शाखा परिसर के अंदर अथवा गेटपर, बगल में ही संचालित हो रहे सेवा केंदों के बारे में जानकारी नहीं हैं, सम्वंधित बैक शाखा प्रबंधकों से जानकारी ली जायेगी ।

Global Times 7

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