क्यों पिछड़ रहा कस्बा कंचौसी विकास के नाम पर?

कानपुर देहात,औरैया दो जिलों में बंटा कंचौसी।
संपादकीय
पूरे कस्बे में जल निकासी का कोई प्रबंध नही
ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क,समाचार संपादक डा.धर्मेन्द्र गुप्ता
उप्र में कस्बा कंचौसी एक ऐसा अनोखा रेलवे स्टेशन है जो दो जिलों में विभाजित है।सीधा आशय यह है कि ट्रेन का आधा हिस्सा जनपद औरैया में रहता है और आधा कानपुर देहात में जब ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी हो। इसी प्रकार कस्बा कंचौसी का आधा हिस्सा टाउन एरिया में आता है और आधा ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसी कारण कस्बा कंचौसी विकास के नाम पर दिनों दिन प्रगति करने के बजाय पिछड़ता जा रहा है।कई बार सरकारें बदली और अपना कार्यकाल समाप्त करने के बाद चली गई लेकिन कस्बा कंचौसी की तरफ किसी सरकार ने नजर उठाकर भी नही देखा।चुनाव के वक्त पार्टियां और खादी का कुर्ता वाले नेता बड़ी बड़ी कहकर और वायदे करके चले जाते है लेकिन सरकार बनने के बाद कोई भी नेता कस्बा कंचौसी का नाम भी नहीं लेता।यह कैसी विडंबना है कि जो हालत कस्बा कंचौसी की बीस साल पहले थी वही हालत आज भी है जबकि उत्तर प्रदेश में कई गांव ऐसे है जिन्होंने दो तीन साल में ही प्रगति करके एक मॉडल या आदर्श ग्राम का दर्जा प्राप्त कर लिया है।इस कस्बे की सबसे जटिल समस्या जल निकासी की है।जल निकासी हेतु नालियों का उचित प्रबंध नहीं है बरसात के दिनों में जगह जगह जल भराव ,यहां तक की घरों के अंदर तक पानी का भरना लोगो के लिए मुसीबत का हिस्सा बना हुआ है। बैंक,डाकघर , पुलिस चौकी,और अस्पताल को छोड़कर कोई सरकारी भवन और योजना आदि नहीं है जिनका आम जनता से सीधा जुड़ाव हो।अब तो लोगो को अर्थात आम जनता को भाजपा सरकार सही मायने में सूबे के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री पर ही भरोसा है जो कस्बा कंचौसी को पिछड़ेपन से निकाल कर विकास की ओर ले जाकर एक मॉडल कस्बा बना सकता है।