गाय का संरक्षण और सेवा करना
हमें सही मार्ग दर्शन सिखाताहै।

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ग्लोबल टाइम्स ७ डिजिटल न्यूज नेट वर्क,कंचौसी ब्लॉक रिपोर्टर बृजेश बाथम
हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है।सही मायने में गाय पूज्यनीय और बच्चों के पालन पोषण के लिए गाय का दूध अमृत के समान माना जाता है। गाय की सेवा और संरक्षण करना प्रत्येक हिन्दू और सनातनी का धर्म और कर्तव्य है।अक्सर देखा जाता है कि लोग जब तक गाय दूध देती तभी तक लोग उसे चारा भोजन आदि खिलाते है और जब गाय दूध देना बंद कर देती है तब लोग उसे उसके हाल पर छोड़ देते है।भूखी प्यासी गाय पॉलिथीन ,कूड़ा आदि रूखा सूखा खाकर किसी तरह अपना पेट तो भर लेती है लेकिन हिंदू धर्म में ऐसा करना महापाप है।लेकिन गाय को दूध निकाल कर इस तरह छोड़ना लोग अपने आप को चालाक और विद्वान समझते है। कहते है कि गाय में तैंतीस करोड़ देवी देवताओं का वास होता है लेकिन ये सब बाते लोगो की समझ से परे है।इस प्रकार के लोगो का पूजा पाठ करना भी व्यर्थ जाता जाता है।क्योंकि गाय की सेवा करना तो माता पिता की सेवा करने के समान है।यदि लोग स्वार्थ को ध्यान में रखते हुए गौ माता के साथ दुर्व्यवहार करेगे तो इस प्रकार के लोगो को कभी मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती चाहे वे कितने ही दान और पुण्य के काम करलें।