संसार में रहकर सांसारिक होना आम बात है लेकिन संसार में रहकर संसार से ऊपर उठ जाना बड़ी बात _महात्मा रामचंद्र शास्त्री

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात पुखरायॉ
संत निरंकारी मिशन के महात्मा रामचंद्र शास्त्री ने कहा कि गुरमत में चलकर ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं पर मनमत पर चलकर घर परिवार का विनाश ही होता है संसार में रहकर सांसारिक होना आम बात है लेकिन संसार में रहकर संसार से ऊपर उठ जाना बड़ी बात है संसार से ऊपर उठ जाना ही भक्ति है मुक्ति है । महात्मा रामचंद्र शास्त्री रविवार को संतु भवन भोगनीपुर में आयोजित निरंकारी सत्संग समारोह को संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि संसार के बंधनों से मुक्त होते चले जाना प्रेम के सागर में प्रेम में होते जाना रूहानियत के बल पर इंसानियत के रास्ते बढ़ते रहना यही भक्ति है । जो सखाता चला गया वह अहंकार रहित बना रहा और उसका भरा जीवन शांति प्रेम और मिल बर्तन का रूप बन गया । उन्होंने कहा कि निरंकारी दातार की कृपा से मानव का यह शुद्ध बुद्ध रूप जब हम निरंकारी सत्संग में जाते हैं तो ज्ञात हो पाता है । समूचा संसार एक मानव परिवार है विविधताओं भरा जीवन पर्व की निराली सौगात है एक प्रभु परमात्मा निराकार को जानकर एकमिक और समस्त में जीना मानव जीवन का परम उद्देश्य है ।निरंकारी मिशन भाईचारे का यह दिव्य संदेश मानव मात्र को सुंदर जीवन और सुंदर संसार की रचना करते हुए दिया जा रहा है ।मानो मन में सुकून संतो के मिलने से अहंकार समाप्त होता है। संसार एक परिवार ही है ।उन्नति संभव है सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के यह वचन ही मानव के जीवन का मूल आधार है महात्मा रामचंद्र शास्त्री ने कहा कि निरंकारी मिशन एक आध्यात्मिक सत्संग है किसी विशेष धर्म से ना जोड़कर केवल मानवता से जोड़ा जा रहा है। मानव के अंदर मानवता आ जाए एक दूसरे की सेवा करने की भावना आ जाए तो यही सच्ची भक्ति है। महात्मा शास्त्री जी ने कहा कि इस निराकार को अंग संग देखकर भक्ति करनी है कहा भी गया है कि निराकार को देखा जा सकता है पाया जा सकता है जब हम ब्रह्म ज्ञान लेते हैं तो यह निराकार प्राप्त हो जाता है । इस अवसर पर भूप सिंह संतोष गुप्ता प्रतीक विनोद संजय चक सावित्री गुड्डन फूल कुमारी मीणा अनीता उपस्थित थेl