शासन की अतिमहत्वाकांक्षी योजना गोवंश संरक्षण की उड़ाई जा रहीं धज्जियां

उत्तरदायी लोगों की उपेक्षा से भूंख और प्यास व्याकुल हो मर रहे हैं गोवंश
मानवता को शर्मसार करने वाला आचरण किया गया मृत गोवंशों के साथ
ग्लोबल टाइम्स- 7 न्यूज़ नेटवर्क 0006
राकेश कुमार मिश्र
संवाददाता तहसील मैंथा
11 अक्टूबर 2023
# शिवली
कानपुर देहात, मुख्यमंत्री योगी महराज एवं शासन की गोवंशों के संरक्षण हेतु चलाई जा रही अतिमहत्वाकांक्षी योजना को जिम्मेदार लोगों द्वारा उपेक्षित करते हुए खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं, जहाँ एक ओर सरकार अन्ना गोवंशों को संरक्षित करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर गौशालाओं में गोवंशों को सुरक्षित रखने का दम भर रही है तो वही जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते गौशालाओं में भूखे एवं प्यासे मर रहे बेजुबान मवेशियों को कुत्ते नोच कर खा रहे हैं जिसे देखकर मानवता भी शर्मसार हो रही है , जिम्मेदार बेखबर हो गए हैं इससे उच्चधिकारियों के आदेश मात्र केवल हवा हवाई साबित हो रहे हैं | लगातार जिला प्रशासन गौशालाओं की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दे रहा है लेकिन ब्लॉक स्तर पर तैनात एडीओ पंचायत एवं ग्राम सचिवों की लापरवाही से अस्थाई गौशालाएं गोवंश के लिए कब्रगाह बनती जा रही है | मंगलवार को भी मैथा विकासखंड की रैपालपुर गौशाला में तीन गोवंशों की दर्दनाक मौत हो गई थी तथा दो गोवंश जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे, वही इस सबके बावजूद गौशाला के जिम्मेदार बेखबर थे। मंगलवार को मृत गोवंश को कुत्ते नोच कर खा रहे थे ,सूचना के बावजूद पंचायत सचिव से लेकर एडीओ पंचायत तक मौके पर नहीं पहुंचे तहसीलदार मैंथा पवन कुमार के स्थल पर पहुंचने के बाद भी ग्राम सचिव का कहीं पता नहीं था ।

जिलाधिकारी आलोक सिंह एवं सीडीओ लक्ष्मी नागप्पन लगातार गौशालाओं की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए समीक्षा बैठकर आयोजित कर रहे हैं, बैठकों में ग्राम सचिवों से लेकर समस्त जिम्मेदार अधिकारियों को जवाब देह बनाते हुए नोडल अधिकारियों तक की तैनाती कर रहे है लेकिन जिले के अफसरो के निर्देश ब्लाकों पर बैठे कर्मचारी हवा में उड़ा रहे है इससे गौशालाओं की हालत बदहाल होती जा रही है और भूखे पेट गोवंश गौशाला में तड़प तड़प कर दम तोड़ रहे हैं | मंगलवार को मैथा के रैपालपुर के स्थाई गौ आश्रय केंद्र में तीन गोवंशों की दर्दनाक मौत हो गई जिन गोवंशों को कुत्ते नोच रहे थे,संवाददाताओं के आने की सूचना पर कर्मचारियों द्वारा आनन फानन में गड्ढा खुदाई का काम शुरू हुआ और बिना शव बिच्छेदन कराए एक ही गड्ढे में तीन गोवंश को दफना दिया गया इसमें गौशाला कि संचालन के प्रति सचिवों की लापरवाही और मनमानी की पोल खुल गई |बताते चलें कि ग्रमीण क्षेत्र में संचालित गौशालाओं की जिम्मेदा री ग्राम पंचायत सचिव के हवाले होती है लेकिन रैपालपुर में तैनात ग्राम सचिव अफसर के निर्देशों को हवा में उड़ा रहा है | गौशाला संचालक में सचिव के द्वारा रुचि न लिए जाने से पशु चिकित्सक के निरीक्षण के बावजूद पिछले 15 दिनों से गोवंश को हरा चारा नहीं दिया गया है,गोवंश का पेट सूखा भूसा खिलाकर भरा जा रहा है। स्थलीय निरीक्षण करने पर गोवंश की नाद खाली पड़ी थी और वहां संरक्षित गोवंश एक-एक तिनके को नाद में चाटने में लगे थे | सूचना के बावजूद भी ग्राम सचिव गौशाला नहीं पहुंचे और फोन से ही केयरटेकर से संपर्क कर बिना पोस्टमार्टम कराए शव को दफना दिया ,हालांकि अधिकारियों को निरीक्षण में सब कुछ चाक चौबंद दिखाने के लिए गौशाला में दो बोरी चोकर और पर्याप्त भूसे का इंतजाम है इसके बावजूद गोवंश भूखे पेट मर रहे हैं | यहाँ तीन गोवंशों की मौत के बाद जिस निर्ममता के साथ मृत गोवंश को दफनाया गया उससे मानवता भी शर्मशार हो गई भूख और प्यास से तड़पने के बाद गोवंश की मौतें होने पर भी जिम्मेदार अपनी आंखें बंद कर रखी हैं, गोवंश की मौत के बाद उन्हें रस्सी से बांधकर गड्ढे तक घसीट कर ले जाया गया क्या पंचायत के पास गोवंश को सम्मानजनक तरीके से दफनाने के लिए भी फंड नहीं है? इससे अधिकारियों व कर्मचारियों की गोवंश के प्रति संवेदनहीनता, कर्तव्यों के प्रति लापरवाही साफ तौर पर उजागर हो रही थी। सूचना के बाद तहसीलदार के मौके पर पहुंचने के पूर्व ही गौशाला संचालकों ने केयरटेकर के माध्यम से तीन गोवंशों को जमीन में दफन कर दिया गया था |
एसडीएम जितेंद्र कटियार ने बताया कि मामला गंभीर है। तहसीलदार पवन कुमार सिंह को मौके पर भेजा गया है जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद सचिव व एडीओ पंचायत के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए पत्राचार किया जाएगा। गौशाला के संचालन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी इसमें जो लोग भी दोषी पाए जाएंगे सभी पर कार्रवाई होगी।और गौशाला के प्रत्येक बिंदु की जांच होगी।