बेला रोड किनारे अन्ना मवेशियों का खुलेआम आंतक, हादसों का अंदेशा,जिम्मेदार बैठे चुपचाप

लापरवाही:- अन्ना पशुओं का सड़कों पर खौफ
:- ब्लाक अधिकारियों की कुर्सी के नीचे अन्ना पशुओं का कायम हुआ आतंक,बीडीओ ढूंढ रहे गौशाला निर्माण हेतु भूमि
:- इस हफ्ते ही बेला रोड किनारे इन जगहों के अन्ना पशुओं को बंसठी गौशाला में किया जाएगा संरक्षित, अन्य गौशालाओं में नहीं है अब कोई जगह – बीडीओ एस एन कश्यप
Global Times7 News Network
Kanpur!
क्षेत्र के मुख्य मार्ग हो या फिर आम रास्ते व सड़कें जहां आवारा मवेशियों के झुंडों से जमावड़ा लगा रहने से वाहन चालकों सहित राहगीरों को परेशानियों का सामना न करना पड़ रहा है। इससे कभी भी दुर्घटनाएं घट सकती हैं। यातायात काफी खतरनाक भी हो गया है। लेकिन जिम्मेदारों को यह सबकुछ कतई नहीं दिखाई पड़ता नजर आ रहा है, जहां कहें तो दिन रात सैकड़ों वीआईपी व जिम्मेदार अधिकारियों की लग्जरी गाड़ियां भी फर्राटा भरकर दौड़ लगाते हुए अक्सर देखी जाती है। लेकिन यह सबकुछ नजारा उन्हें दिखाई नहीं देते हैं ।मानौ जैसे हादसों का इंतजार करने में बैठे हुए हैं।
शासन स्तर से भले ही लाखों रूपये खर्च की लागतों से गांव गांव गौशालाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है लेकिन ब्लाक से लेकर जिले तक पूरा मामला सिर्फ कमीशन खोरी व बंदरबांट तक सीमित रहते हुए गौशालाओं के नाम पर ढिंढोरा ही निरंतर पीटा जा रहा है, परिणाम अन्ना पशुओं की सैकड़ों संख्या में झुंड ज्यादा तर गांव, कस्बे व खेतों पर,या फिर सड़कों पर खुलेआम विचरण करते हुए देखे आम तौर पर जा रहे हैं । और गौशालाओं में संरक्षित होने वाले अन्ना पशुओं संख्या सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है । जहां किसान अन्ना पशुओं से पूरा तबाह होता जा रहा है ।

चौबेपुर बेला रोड किनारे अन्ना पशुओं की सजती महफ़िल, ब्लाक अधिकारी व राज नेता पूर्णत: बन बैठे
अंजानयदि बात की जाए जनपद के ब्लॉक चौबेपुर विकासखंड की तो गौशालाओं में संरक्षित किये जाने वाले अन्ना पशुओं की संख्या को लेकर तो सिर्फ खानापूर्तियों तक ही शासन से जारी बजट सीमित होकर रह गया है, जिसका परिणाम यह है कि अन्ना पशुओं की महफ़िल बेला रोड के किनारे जगह जगह पर सजती हुई जरूर देखी जा सकती है ।

मालूम हो कि चौबेपुर के बेलारोड प्रतापपुर नहर,चंद्रिका गांव नर्सरी, अव्दुलपुर अम्बेडकर मूर्ति के सामने इत्यादि जगहों पर देखा जाए तो हमेशा अन्ना पशुओं का बोलबाला बना रहता है , जहां से हजारों वाहन सवारों को सड़क से होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन अफसोस की बात तब सामने आती हैं, कि जब क्षेत्रिय ग्रामीण व किसान बताते हैं कि भैय्या चंद्रिका ग्राम सभा भिढुरी में जबकि अब गौशाला भी खुल चुकी है लेकिन फिर भी अन्ना पशुओं का आतंक सड़कों पर खुलेआम बना हुआ है, तो बहुत ही आश्चर्य व विस्मृत कर देने वाली बातें सामने निकल कर आती है ।
बताना है कि अभी पिछले कुछ दिनों पहले चौबेपुर विकास खंड के भिढुरी गौशाला का पंचायती राज उप निदेशक प्रेम शंकर द्वारा निरीक्षण भी किया जा चुका है जिन्होंने गौशालाओं में निरीक्षण किए जाने की जांच रिपोर्ट प्रमुख सचिव के माध्यम से सीएम योगी जी को सौंपने की भी बात मीडिया को बताई थी, लेकिन निरीक्षण व जांच फिर से जस की तस ही हो गयी।

क्या बोले चौबेपुर बीडीओ एस एन कश्यप
जब चौबेपुर बेला रोड स्थित प्रतापपुर नहर पुल,चंद्रिका नर्सरी,व अब्दुलपुर में अन्ना पशुओं के निरंतर सैकड़ों की संख्या में झुंड के रूप में बैठे रहने व सड़क से होकर गुजरने वाले वाहन सवारों की समस्याओ को लेकर खंड विकास अधिकारी चौबेपुर शिव नारायण कश्यप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस प्रकार की जानकारी उनके संज्ञान में फिलहाल में नहीं है,चंद्रिका भिढुरी गौशाला में संरक्षित किये जाने वाले अन्ना पशुओं की संख्या फुल हो चुकी है, विकास की बसंठी गौशाला को चालू कराया जा रहा है,इसके बाद अन्ना पशुओं को संरक्षित कराया जाएगा,मैंने चौबेपुर व मालौ में भी गोशाला निर्माण हेतु जगह ढूंढ़ी,लेकिन हमें जगह नहीं मिली, बंसठी में जगह मिली है,इस हफ्ते तक बेला रोड के किनारे के सभी जानवर गौशालाओं में संरक्षित कर दिये जायेंगे।