जिले में कच्ची देशी शराब का गोरखधंधा नहीं हो रहा बंद

आबकारी व पुलिस विभाग औपचारिकता पूर्ण करके कर लेती इतिश्री
कच्ची अवैध देशी शराब सेवन करने से हो चुकी हैं अनगिनत मौतें
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
28 सितंबर 2023
#औरैया।
जिले में अवैध कच्ची देशी शराब का गोरखधंधा बहुत पुराना हो चुका है। यह कच्ची शराब का गोरखधंधा जहां औरैया शहर की पछैया बस्ती में व्यापक तौर पर फैला हुआ है। वहीं दूसरी ओर बिधूना क्षेत्र में भी यह अपने चरम पर है। कच्ची शराब का गोरखधंधा जिले के ग्रामीण अंचलों तक फैला हुआ है, जिसकी खपत शराब माफियाओं द्वारा दैनिक रूप से की जाती है। यह किसी को छिपा नहीं है। आबकारी विभाग एवं पुलिस डिपार्टमेंट समय-समय पर छापमार कार्रवाई करते हुए औपचारिकता पूर्ण कर इतिश्री लेती है। जिसके चलते यह गोरखधंधा बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बल्कि दिनों दिन बिस्तार लेता जा रहा है। परिणाम स्वरूप इस अवैध कच्ची देशी शराब का सेवन करने से अब तक अनगिनत मौतें हो चुकी हैं। इतना ही नहीं इस अवैध शराब का सेवन करने वाले पछैया बस्ती से लेकर ब्लॉक गेट एवं शहर की बस्ती व सड़कों पर बेसुध पडे किसी भी दिन देखे जा सकते हैं। इस कच्ची देशी शराब के गोरखधंधा को लेकर जागरूक लोग काफी चिंतित हैं। यदि इस अवैध कच्ची देशी शराब पर प्रतिबंध नहीं लगा तो दूरगामी परिणाम होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद प्रशासन मूकदर्शक व तमाशाई बना हुआ है।
जिले में उद्योग का रूप ले चुका अवैध कच्ची देशी शराब का गोरखधंधा बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। यह उत्तरोत्तर बढ़ता ही जा रहा है। इस गोरखधंधा ने जनपद में पूरी तरह से पैर पसार रखे हैं, और उद्योग का रूप ले लिया है। ऐसा नहीं है कि जनपद आबकारी विभाग एवं पुलिस मोहकमा इससे अनजान हो। जानकारी होने के बावजूद अभी तक इस अवैध कच्ची शराब का गोरखधंधा को बंद करने के लिए कोई भी सार्थक ठोस पहल नहीं की गई है, जिसके चलते शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और वह इस गोरखधंधा को जनपद में बुरी तरह से फैला रहे हैं। इस अवैध कच्ची शराब का सेवन करने से अभी तक अनगिनत लोग काल के गाल में समा चुके हैं। यह कच्ची शराब सरकारी देशी शराब ठेका पर बिकने वाली शराब से सस्ती होती है। इसलिए मजदूर तबके के लोग इसका सेवन भरपूर कर रहे हैं। शहर की पछैयां बस्ती में एवं बिधूना क्षेत्र में अवैध कच्ची शराब का गोरखधंधा उद्योग का रूप ले चुका है। यह धंधा बंद होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस गोरखधंधा से जहां एक ओर राजस्व की हानि होती है, वहीं दूसरी ओर इस शराब से अनगिनत मौतें होती जा रही हैं। इसके बावजूद आबकारी एवं पुलिस विभाग किंकर्तव्य विमूढ़ बना हुआ है। इतना अवश्य है कि आबकारी एवं पुलिस विभाग समय-समय पर शहर की पछैयां बस्ती के अलावा बिधूना क्षेत्र में भी छापा मार कार्रवाई करते हुए औपचारिकता पूर्ण कर इतिश्री कर लेती है। इसी के चलते शराब माफियाओं के हौसले बहुत बुलंद हैं। अवैध शराब की बिक्री के लिए शराब माफिया सुबह तड़के इस अवैध कच्ची शराब की खपत करने के लिए ग्रामीण अंचलों के चिन्हित गांवों में आपूर्ति करने निकल जाते हैं। इसी के चलते ग्रामीणांचलों में भी इस अवैध कच्ची शराब को बढ़ावा मिल रहा है। इस अवैध कच्ची शराब के गोरखधंधा को रोकने के लिए जिला प्रशासन को संज्ञान लेते हुए प्रतिबंध लगाने की महती आवश्यकता है। जिससे नवयुवको का भविष्य सुरक्षित रह सके। जनपद के संभ्रांत, वरिष्ठ, एवं जागरूक लोगों का कहना है कि यदि समय के रहते इस कच्ची शराब के गोरखधंधे पर प्रतिबंध नहीं लगा तो परिणाम भयावह होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। देखना है कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है अथवा यह गोरखधंधा इसी तरह से फलता-फूलता रहेगा। यह भविष्य की गर्त में है।