उत्तर प्रदेशलखनऊ

चौरंगी होगी थाली तभी मिलेगा पोषण भरपूर


 
गीत संगीत के खुशनुमा माहौल में हुई “गर्भवती की गोदभराई
 
कुपोषण से बचने को गर्भवती को दी पोषण की ‘टोकरी
 
जीटी-70017, राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
12 सितंबर 2023

#औरैया।

आज मंगलवार को गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए गर्भवती को कम से कम एक आहार अतिरिक्त रूप से लेना चाहिए और गर्भवती महिला की थाली चौरंगी होनी चाहिए अर्थात उनकी थाली में कार्बोहाइड्रेट वाली चीजें जैसे रोटी व चावल, प्रोटीन वाली चीजें जैसे दाल, विटामिन और खनिज पदार्थ वाली चीजें जैसे हरी सब्जियां और विटामिन ए से युक्त चीजें जैसे पीले फल भी होना चाहिए।गर्भावस्था के दौरान चार बार प्रसव पूर्व जांच हो तथा माह में एक बार कम से कम अपना वजन करना चाहिए। पूरे गर्भकाल में गर्भवती के वजन में 10 से 12 किलोग्राम की वृद्धि होनी चाहिए। कुछ ऐसी ही जानकारियां मंगलवार को सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण माह के तहत आयोजित हुए गोद भराई दिवस पर दी गयी। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खाने की मात्रा को बढ़ाते हुए नियमित रूप से पौष्टिक आहार का सेवन करने के लिए प्रेरित किया।
इसी क्रम में ब्लॉक अछल्दा के आंगनबाड़ी केंद्र औतों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने सहायिका माधुरी के साथ मिलकर गर्भवती अनुराधा को फूल माला पहनाई,चुनरी ओढ़ाकर और पोषण युक्त वस्तुओं की टोकरी प्रदान कर गोद भराई की रस्म अदा की। टोकरी में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि थे। अनुराधा ने बताया कि वह पहली बार गर्भवती हुई है। उसके परिवार में गोद भराई की रस्म भी होती है, लेकिन इस कार्यक्रम में सम्मान के साथ उसे कई अहम जानकारियां भी मिली हैं। वह स्वयं व अपने होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देगी। इसके अलावा अपने परिवार व आस पास गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन लेने के प्रति जागरूक करेगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी ने बताया कि गोद भराई कार्यक्रम के दौरान महिलाओं को नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराने, साफ सफाई रखने और भोजन समय से लेने के बारे में जानकारी दी गई। महिलाओं को समझाया गया कि अपने आहार में पौष्टिक चीजें शामिल करें।गर्भवती की सासों (पति की मां) को समझाया गया कि वह अपनी बहुओं के खानपान का विशेष ध्यान रखे। यदि अभी खानपान ठीक रहेगा तो बच्चा भी सेहतमंद रहेगा और मां और बच्चे को बीमारी नहीं लगेगी। इस दौरान जिन माताओं के बच्चे छह महीने से ज्यादा के हो गए हैं, उन्हें ऊपरी आहार के बारे में समझाया गया कि न तो ज्यादा भोजन करें और न ही कम मात्रा में भोजन करें। इतना संतुलित आहार लें कि मां और बच्चे दोनों सेहतमंद रहे। इसके अलावा उन्हें परिवार नियोजन के साधनों के बारे में भी जानकारी दी गई। इस मौके पर आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, धात्री महिलायें व बच्चों सहित अन्य लोग बड़ी संख्या में शामिल रहे।

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