मोटी तनख्वाह के बाबजूद भी नही आना है स्कूल

कैसे होगा बच्चों का भविष्य उज्ज्वल
स्कूल परिसर में खड़ी है बडी बडी घास
शौचालय की स्थिति दयनीय
ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात
कानपुर देहात
पूरा मामला कानपुर देहात की भोगनीपुर तहसील क्षेत्र अमरौधा ब्लाक के रसरापुर गांव का है प़ाइमरी स्कूल की जहाँ दो अध्यापक है लेकिन स्कूल आने का समय नही है बच्चे रोज अपनी मैडम का इंतजार करते हैं कि मैडम आयेंगी हमे पढायेगी लेकिन मैडम के पास मोटी तनख्वाह लेने के बावजूद बच्चों को पढ़ाने का समय नही है जहां पर स्कूल चलो अभियान की प्रथम सीढ़ी कहे जाने वाले प्राइमरी विद्यालय का ताला बंद रहता है। वही स्कूल की बॉउडरी के अन्दर बडी बडी घास खडी है मिड डे मील का भोजन क्या होता है बड़ा सवाल है ऐसा गॉव के लोगों ने बताया
शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालय में प्रधाना अध्यापिका एवं अध्यापक शासन के द्वारा भरपूर वेतन देने के बावजूद भी विद्यालय में कभी कभार ही आते हैं यह मैं नहीं कहता यह कहना है कुछ गांव के लोगों का और वहां के नन्हे मुन्ने नौनिहालों का जिनका भविष्य इन अध्यापक अध्यापिका के कारण अंधकार में हो रहा है बच्चे इंतजार में रहते हैं कि मैडम जी कब आएंगे मगर मैडम जी जनपद के बाहर से आती हैं इसलिए महीने में एक दो बार की आती है कानपुर देहात की तेजतर्रार जिलाधिकारी नेहा जैन व बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पाण्डेय के सख्त निर्देशों के बावजूद भी इन अध्यापकों का यह मनमानी रवैया है आखिरकार इनको किसका संरक्षण प्राप्त है जो यह स्कूल में नहीं जाते हैं आइए हम आपको दिखाते है स्कूल की कुछ झलकियां