मंहगाई के इस दौर में तीस रुपए में नहीं भर रहा है गोवंश का पेट

जीटी-70025, ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूँद।
27 जुलाई 2023
#फफूँद,औरैया।
बताते चलें जनपद में बनी गौशालाओ में एक गाय का पेट क्या 30 रुपये में भर सकता है? अभी तक सरकारों ने तो पंजीकृत गोशालाओं के लिए प्रति गाय के हिसाब से इतना ही अनुदान तय कर रखा है। जनपद औरैया में भी कई पंजीकृत गोशालाएं हैं और गोवंश की संख्या हजारों में है लेकिन अनुदान इतना कम है कि गौशाला संचालक मांग भी नहीं करते हैं। यही वजह है। जनपद में कई ऐसी गौशालाऐ है कि गायों को चरने के लिए खोल दिया जाता है और वह किसानों की फसलों को चौपट कर देती हैं। गौशाला संचालकों के पास भी समस्या है। टाइम से शासन से रुपए नहीं आने के कारण उनके सामने समस्या खड़ी हो जाती है। वैसे देखा जाए कि आज इंसान का पेट तीस रुपए में नहीं भर सकता है, तो फिर गौवंशो का पेट कैसे भरेगा। जनपद में कई ऐसे गौशाला है जो गोवंश को मजबूरी में गौशालाओ से छोड़ देते हैं। जिससे किसानों की फसलों को भी नुकसान होता है। सूबे की योगी सरकार को कम से कम प्रति गोवंश के लिए सौ रुपए अनुदान दें व टाइम से गौशाला संचालकों के खाता में रुपए भेजे तब जाकर कहीं समस्या का हल हो सकता है।