उत्तर प्रदेशलखनऊ

मोहर्रम एक हरारत है जो पत्थर दिलों को पिघला सकती हैं

ग्लोबल टाइम्स 7,0014 डिजिटल न्यूज नेटवर्क संवाददाता शिव शंकर मलासा भोगनीपुर कानपुर देहात उत्तर प्रदेश

कानपुर देहात ब्लाक मलासा के अंतर्गत ग्राम मोहम्मद पुर में सैफ रिज़वी ने बताया कि(क्या है मोहर्रम ) मोहर्रम त्योहार नही है मानवता की राह में सब कुछ कुर्बान करने वाले शहीदो की याद है बातिल अपनी पूरी ताकत के साथ हक के सामने था यजीद हाकिम बन के अधर्म और अन्याय का राज कायम करना चाहता था नवासे रसूल न्याय धर्म और मानवता का यजीद बातिल की नुमाइनदागी कर रहा था हुसैन अलैहिस्सलाम हक प्रस्तो की यजीदी सेना लाखो में थी हुसैनी जियाले 72 थे जुल्म सर काट कर भी हार गया सब्र सर कटा कर जीत गया ताकत हाथ मलती रह गई मजलूमों ने मैदान में फतह कर ली बस इसी जज्बे कुर्बानी को जिंदा रखने का नाम मोहर्रम है मोहम्मद साहब ने बताया कि मैं आप सभी लोग एक समान समाज में है।

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