Global times 7 news network
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
अयोध्या
जिले में ब्लाक बीकापुर के असरेवा गांव निवासी हास्य कवि भानु प्रताप सिंह भयंकर का 84 वर्ष की अवस्था में हृदय गति रुक जाने से घर पर हुआ निधन, साहित्य प्रेमियों में शोक की लहर।
कविता की सभी विधा में पारंगत वयोवृद्ध कवि एवं साहित्यकार भानु प्रताप सिंह भयंकर का शाम के 4 बजे घर पर ही हार्ट अटैक से निधन हो गया है। अपनी रचनाओं के माध्यम से सामाजिक कुप्रथाओ और राजनीतिक विषमताओं पर प्रहार करने वाले भानु प्रताप भयंकर जी कविता के हर विधा हास्य रस, शृंगार रस और वीर रस सहित सभी विधाओं में पारंगत थे। तथा अवधी भाषा में उनकी कविताएं आम जनमानस में अपनी अमिट छाप छोड़ती थी तथा रची बसी थी। जहां एक तरफ उनकी कविताओं में किसानों और मजदूरों के लिए वेदना है तो वहीं दूसरी तरफ कई रचनाओं में अपनी कविता के माध्यम से व्यवस्था पर प्रहार करते हुए कटाक्ष भी किया है। अपनी हास्य कविताओं के माध्यम से लोगों को गुदगुदाया भी है।
कवि सम्मेलन का मंच भानु प्रताप सिंह भयंकर के बगैर अधूरा माना जाता था। साहित्य के क्षेत्र के अलावा वह समाज सेवा एवं राजनीति से भी जुड़े रहे हैं।
बीकापुर से विधानसभा तथा फैजाबाद लोकसभा का चुनाव में भी किस्मत आजमाए जाने की खबर है उनकी कविताओं की रचनाएं भी प्रकाशित हुई हैं। उनकी कविताएं किसनवा खेतवा में खड़ा ललकारे तथा यहां बासी जिलेबी में बाझा अहा, घरे ताजा धरा रसगुल्ला अहै। जैसी रचनाएं लोगों के दिलों दिमाग में बसी हुई है।
कवि भानु प्रताप सिंह भयंकर के निधन की जानकारी होने के बाद उनके चाहने वालों में शोक की लहर छा गई। अपने पीछे वह भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।