भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए-पं०गोविन्द मिश्रा !

जीटी-70025 ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूँद।
27 अप्रैल 2023
#फफूँद,औरैया।
नगर के ख्यालीदास तिराहे के पास स्थित राधा रमण के प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को कथा व्यास पं०गोविन्द मिश्रा ने कहा कि मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
कथा व्यास ने पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है। द्वापर युग में धर्मराज युधिष्ठिर ने सूर्यदेव की उपासना कर अक्षयपात्र को प्राप्त किया। हमारे पूर्वजों ने सदैव पृथ्वी का पूजन व रक्षण किया। इसके बदले प्रकृति ने मानव का रक्षण किया।भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है, लेकिन वह हर किसी में बसता है।