बिधूना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के संभावित दावेदार फिर हुए सक्रिय

लाखों के होर्डिंग्स लगवाने व वोटरों को लुभावने सब्जबाग दिखाने में जुटे
जीटी-70017 राम प्रकाश शर्मा ब्यूरोचीफ औरैया।
25 मार्च 2023
बिधूना,औरैया। निकाय चुनाव की विधिवत घोषणा न होने के बावजूद जल्द चुनाव की आहट महसूस होते ही बिधूना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के संभावित दावेदार फिर अचानक सक्रिय हो गये हैं। तमाम तथाकथित संभावित प्रत्याशी लाखों रुपए के प्रचार प्रसार के लिए होर्डिंग्स लगवाने के साथ वोटों के ठेकेदारों व मतदाताओं को पटाने के लिए उन्हें लुभावने सब्जबाग दिखाने के साथ उन्हें दारू मुर्गे की दावतें छनवाने में भी कोई कसर छोड़ते नहीं दिख रहे हैं। संभावित दावेदारों पर एक दूसरे की होर्डिंग्स फडवाने आदि के भी आरोप-प्रत्यारोप लगते भी नजर आ रहे हैं।
पिछड़े वर्ग के आरक्षण मामले को लेकर हुई गणना की रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय में पेश हुई है और उच्चतम न्यायालय द्वारा ही पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट का परीक्षण कर निकाय चुनाव का सरकार को दिशा निर्देश जारी किया जाना है किंतु अभी तक विधिवत निकाय चुनाव की घोषणा नहीं हुई है इसके बावजूद चुनाव सन्निकट मान कर नगर पंचायत बिधूना के अध्यक्ष व सभासद पद के संभावित दावेदार फिर एक बार अचानक सक्रिय हो गये हैं। अभी किसी को पता नहीं है कि अध्यक्ष पद किस वर्ग के लिए आरक्षित होगा और वार्डों के सभासद पदों का आरक्षण भी कैसा होगा। इसके बावजूद अध्यक्ष व सभासद पद के तथाकथित अधिकांश संभावित दावेदार अपने अपने मनमाफिक आरक्षण तय मानकर लाखों रुपए खर्च कर प्रचार प्रसार के लिए नगर में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाने में जुटने के साथ ही वोटों के ठेकेदारों व आम मतदाताओं को भी अभी से ही दारू मुर्गे की दावतें छनवाने में भी कोई कोर कसर छोड़ते नहीं दिख रहे हैं। गौरतलब बात तो यह है कि बड़े पैमाने पर लगाए जा रहे होर्डिंग्स के चलते अध्यक्ष पद के कुछ तथाकथित संभावित दावेदारों के बीच एक-दूसरे के होर्डिंग्स फाड़ने के भी आरोप-प्रत्यारोप लगते देखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं भले ही किसी राजनीतिक दल द्वारा अब तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है किंतु इसके बावजूद अध्यक्ष पद के कई संभावित प्रत्याशी भाजपा सपा से अपनी -अपनी प्रत्याशिता लगभग तय मान रहे हैं, लेकिन भाजपा व सपा इन दोनों ही दलों में संभावित प्रत्याशियों की यहां बहुत लंबी लाइने हैं लेकिन टिकट किसी एक को ही मिलना है। ऐसे में बाद में टिकट के असंतुष्ट चुनाव में अपने दल के प्रत्याशी के पक्ष में मनोयोग से जिताने की पहल कर इस पर अभी से सवालिया निशान उठ रहे हैं।