ऋषि परंपरा को जीवंत करने का अद्भुत उत्सव है मकर संक्रांति

ग्लोबल टाइम्स -7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क तहसील रसड़ा सुनील कुमार
रसड़ा (बलिया )सामाजिक समरसता का प्रतीक मकर संक्रांति उत्सव रविवार को अपराहन स्थानीय श्रीनाथ मठ पर पीठाधीश्वर महंत कौशलेंद्र गिरी की अध्यक्षता में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर हजारों लोगों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छपरा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा शास्त्र के विभागाध्यक्ष रहे डॉक्टर हरिकेश सिंह ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि मकर संक्रांति उत्सव ऋषि परंपरा को जीवंत करने का एक अद्भुत उत्सव है ।उन्होंने हिंदू समाज में व्याप्त छुआछूत एवं जातिवाद को खत्म करने के लिए मकर संक्रांति उत्सव की आवश्यकता बताई उन्होंने बताया की जब तक हिंदू समाज में अति गरीब एवं पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए प्रयास नहीं किया जाता तब तक अंत्योदय की कल्पना साकार नहीं हो सकती।विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित महंत शिवानंद गिरि ने कहा की विघटनकारी शक्तियां हिंदू समाज को खंड खंड करने के लिए हमसे दलित वर्ग को अलग करने का प्रयास कर रही हैं। हमें ऐसे आस्तीन के सांपों से सजग रहने की जरूरत है और अपनी संस्कृति की पर गर्व करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज में कभी जातिवाद नहीं रहा लेकिन मध्यकाल में छुआछूत एवं जातिवाद की फैली बीमारियों ने हिंदू समाज को कमजोर किया है।तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारिका सिंह ने कहा की इस देश का बंटवारा धर्म के आधार पर हुआ ।हमारे इतिहासकारों ने हमें गलत इतिहास पढ़ाया है जिसके कारण हम अपने महान हिंदू शासकों को नहीं जानते और अत्याचारी मुगल शासकों को पाठ्य पुस्तकों में जगह दी गई और उन्हें महान बताया गया जिसके कारण हिंदू समाज के अंदर स्वाभिमान और गर्व का भाव नहीं बन पाया। प्रारंभ में दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
महंत कौशलेंद्र गिरी ने विशिष्ट अतिथियों को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में पूर्व चेयरमैन वशिष्ठ नारायण सोनी, दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बाल्मीकि त्रिपाठी, इमामिया इंटरमीडिएट कॉलेज के प्रधानाचार्य अंजनी कुमार पांडे सहित प्रेमचंद सिंह गुलाब वर्मा नथुनी सिंह रमेश राय अनिल सिंह कौशल किशोर गुप्ता देवेंद्र यादव कृष्णा पांडे भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन हर्ष नारायण सिंह ने किया।