गहवर वन को बचाने में स्व. बहुगुणा का योगदान

गोपाल ✒️ चतुर्वेदी
मथुरा
बरसाना। चिपको आंदोलन के नेता स्व. सुंदरलाल बहुगुणा की 97वीं जयंती पर गहवर वन में संत रमेश के सानिध्य में उन्हें श्रद्घासुमन अर्पित किए गए। उनके गहवर वन के प्रति दिए गए योगदान को याद किया गया।
गहवर वन बचाओ आंदोलन के प्रणेता बंशीधर अग्रवाल ने बताया कि बरसाना स्थित गहवर वन को बचाने की मुहिम वर्ष 1973 में शुरू की गई थी। पूर्व में गहवर वन खनन और अतिक्रमण का शिकार था। वर्ष 1997 में एक पोस्टकार्ड चिपको नेता को भेजा तो वे तत्काल यहां पहुंच गए। रमेश बाबा और सुंदरलाल बहुगुणा का साथ मिलने से आंदोलन ने जोर पकड़ लिया और तत्कालीन डीएम सदाकांत ने 7 हेक्टेयर के गहवर वन क्षेत्र को आरक्षित वन घोषित करा दिया।
फिर भी खनन और कटान नहीं रुका तो बंशीधर अग्रवाल 11 जुलाई 2000 को पहाड़ी पर उपवास पर बैठ गए। उनके साथ संत रमेश बाबा और सुंदर लाल बहुगुणा भी बैठे। इस मौके पर डॉ. रामजी लाल शास्त्री, राधा कांत शास्त्री, सुनील सिंह, ब्रजराज, माधवी शरण, विष्णु राजपूत, पर्यावरणविद प्रदीप बहुगुणा, डॉ. मंजू बहुगुणा, अनिकेत बहुगुणा और सोनी भट्ट आदि ने स्व. बहुगुणा को श्रद्धांजलि अर्पित की।