(खुशियों की दास्तां)

निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना की सहायता से दिव्यांग दम्पत्ति के जीवन को मिली एक नई ऊर्जा, जिससे उनका जीवन होने लगा सार्थक
ग्लोबल टाइम्स -7न्यूज
डिजीटल नेटवर्क
राजेन्द्र श्रीवास देवास
निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में 01 लाख रूपये की सहायता राशि से मोबाईल सुधारने की दुकान का किया विस्तार
देवास 04 जनवरी 2023/ सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग की निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना की सहायता से दिव्यांग दम्पत्ति के जीवन को एक नई ऊर्जा एवं दिशा प्रदान की जिससे उनका जीवन सार्थक होने लगा। निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के लाभार्थी दीपक पिता भेरूलाल पटेल निवासी शिप्रारोड़ टिगरियागोगा तहसील व जिला देवास अस्थिबाधित दिव्यांग हैं।

श्री दीपक ने बताया कि कक्षा 12वीं तक पढाई की है। इसके बाद उन्होंने मोबाईल सुधारने का कोर्स किया गया। जिसके पश्चात ग्राम में ही किराने की दुकान में ही छोटी सी मोबाईल सुधारने की दुकान भी खोल ली गई। जिससे प्रतिदिन लगभग 50 से 100 रूपये प्रतिदिन की आमदानी होने लगी। वर्तमान समय में नये-नये अपडेड के साथ कई फिचर्स के मोबाईल बाजार में उपलब्ध होने से उनके संबंध में अधिक सामान एवं कम्प्यूटर आदि की आवश्यता होने लगी। आवश्यकता की पूर्ति के लिए स्रोत नहीं होने से सीमित संसाधन में ही मोबाईल सुधारने का कार्य करते थे। मैं एक दिव्यांग होने एवं आय के साधन नहीं होने से विवाह के संबंध में सोच भी नहीं सकता था। सामाजिक न्याय विभाग से मध्य प्रदेश शासन की निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना के बारे में दीपक को विस्तार से जानकारी दी गई। जिसके पश्चात मेरे द्वारा अस्थिबाधित दिव्यांग सौ.का. कामना पिता देवराज तोमर निवासी ग्राम मैना के साथ विवाह किया गया है। विवाह पश्चात सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग द्वारा मुझे निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना में 01 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। राशि से उन्होंने मोबाईल सुधारने की दुकान का विस्तार किया। जिससे मुझे माह में लगभग 10 हजार रूपये की आमदानी होने लगी है ,,एवं मेरी पत्नी श्रीमती कामना को 12 हजार रूपये की सिलाई मशीन भी दिलाई गई। रेडीमेड कपडे की सिलाई के लिए मांगलिया की कपडें के कारखाने में सम्पर्क किया जाकर रेडीमेड शर्ट सिलाई के लिए कच्चा मटेरियल लाकर प्रतिदिन 8 से 10 शर्ट तैयार किये जाने लगे प्रति शर्ट 8 प्रति नग के हिसाब से माह में लगभग 05 से 06 हजार की आय होने लगी।