त्रिवेद परायण महायज्ञ में किया नशा मुक्ति का आह्वान

ग्लोबल टाइम्स 7
कोसीकलां मथुरा
रिपोर्ट : भारत शर्मा
कोसीकलां । ब्रह्म कीर्ति रक्षक दल एवम पञ्च यज्ञ प्रचारिणी सभा के तत्वाधान में गुरुवार को राष्ट्र सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण हितार्थ त्रिवेद परायण महायज्ञ के सप्तम दिन विधि विधान से आहुति दी गई।

मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित जुगेंद्र भारद्वाज ने बताया कि कोसीकलां के अंदर इस विशाल महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है जिसमे एक संकल्प लिया गया है कि संस्कारों को अपना कर विद्यार्थी को नशा मुक्त होना चाहिए। नशा मुक्त भारत से ही देश का कल्याण होगा। भगवान स्वरूप ब्रह्मा के रूप में हमारे विवेक उपाध्याय जिन्होंने वेद के माध्यम से पूरे संसार में ख्याति प्राप्त की है यह यज्ञ त्रिवेदी महायज्ञ यज्ञ से राष्ट्र की सुरक्षा पर्यावरण की सुरक्षा समस्त भूमंडल पर आज हो रहे यह आक्रमण बारूद के ढेर में बैठी हुई है दुनिया इनको शांति के लिए भारत का मूल पाठ को लेकर के आने वाली इस कोरोना जैसी अनेक महामारी से बचने के लिए इस महायज्ञ में आहुति दें सभी अपने कर्म को सौभाग्य समझे यह सौभाग्यशाली स्थल है यह कोसी ही नहीं संपूर्ण ब्रजमंडल की राशि है इस राशि के शुभ पावन पवित्र स्थान में इस यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।

संयोजक विवेक उपाध्याय ने बताया कि नशा की लत जो बढ़ती जा रही है आए दिन आत्महत्या हो रही है इसको रोकने के लिए दृढ़ निश्चय लिया गया है जन जागृति अभियान लाएंगे जन जन तक अभियान पहुंचेगा औरत को नशा मुक्त बनाने में ब्रह्मराक्षस अपनी जान से मेहनत करके जन जन तक को जागृत करने में पीछे नहीं हटेगा। क्षेत्रीय ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष जगदीश सुपानिया ने बताया कि महायज्ञ से देश में एक शांति सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा करते देते हुए यह कार्यक्रम किया गया है।सनातन प्रेमियों का स्वागत एवम अभिनंदन किया गया है ।इस अवसर पर अन्य प्रदेश उपाध्यक्ष वीरपाल मिश्रा, सोहनलाल मिश्र, रामदेव भारद्वाज , रूप किशोर उपमन्यु, और वृंदावन से राष्ट्रीय संरक्षक पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, कमल किशोर वार्ष्णेय, घनश्याम पटेल, पलवल से पधारे रविंद्र ,बलिया से पधारे हुए नागराज, कृष्ण वशिष्ठ, पवन जादौन, आदि उपस्थित रहे। वृंदावन से गोपाल चतुर्वेदी जी आचार्य रामविलास,चतुर्वेदी राष्ट्रीय संरक्षक महामंडलेश्वर कृष्णानंद जी महाराज एवं राष्ट्रीय संरक्षक महामंडलेश्वर किशोरी शरण दास देवाचार्य जी ईश्वर चंद रावत, आचार्य बलराम जी महाराज समस्त संत गण एवं प्रेमी जनों का यह समागम है ।