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जिम्मेदारों की अंधेखी के चलते डेरापुर गलुआपुर में निर्मित शौचालय ग्रामीणों के लिए सिर्फ सफेद हांथी!

रनिंग वाटर सहित हैंडपंप गायब,कागजों पर संचालित शौचालय ढाक के तीन पात हो रहे साबित !

योगी सरकार में ग्रामीण खुले में शौच करने को अभी भी हैं मजबूर,सरकारी धन का हो रहा निरंतर बंदरबांट, धरातलीय हाईटेक योजनाओं में लग रहा दीमक!

Shiv Shankar Pandey Global Times7 News Network Lucknow Uttar Pradesh

Kanpur Dehat!
खुले में शौच मुक्त बनाने एवं गांव को स्वच्छ रखने के लिए शासन की ओर से भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। जहां लाखों रुपए की लागत से सुपर शौचालय के निर्माण गांव गांव में कराए गए जिससे कि लोग खुले में शौच ना करें, उसके बावजूद भी सरकारी योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही हैं और लोग खुले में शौच करने को मजबूर है। शौचालयों का संचालन गांव-गांव कागजों तक ही सिमट कर रह गया है जिससे सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजनाओं का दुरुपयोग उनके अधिकारियों की अनदेखी के चलते हो रहा है।
बताते चलें कि केंद्र व प्रदेश की सरकारें गांव को स्वच्छ साफ बनाने के लिए गांव-गांव में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण इस उद्देश्य करवाया था कि लोग खुले में शौच ना करें लेकिन सरकार की इस योजना की खुलेआम धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं ।जहां जिले की अधिकतर ग्राम पंचायतों में शौचालयों की स्थिति बेहद ही दयनीय है ।कई जगह शौचालयों में विद्युत कनेक्शन रनिंग वाटर के अभाव के चलते शौचालय प्रयोग हीन हो रहे हैं ।उनके संचालन कागजों पर दिखाकर प्रतिमाह ₹9000 केयर टेकर व रखरखाव के नाम पर पंचायतों से खर्च किए जा रहे हैं।

सफेद हांथी साबित हो रही सिर्फ सामुदायिक शुलभ शौचालय बिल्डिंग!

जानकारी मुताबिक पूरा मामला जनपद देहात डेरापुर ब्लाक के गलुआपुर ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय का है। जिसमें निर्माण के समय बरती गई लापरवाहियां शौचालय संचालन पर भारी पड़ रही हैं। जहां अभी तक उसमें रनिंग वाटर की व्यवस्था अधूरी है और ना ही हैंडपंप की व्यवस्था की गई है। ग्रामीणों को बाहर शौच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वही शौचालय के अंदर लगे यूरिनल के ड्रोन पाइप भी गायब हैं इससे पता चलता है कि जिम्मेदार इसको लेकर कितने उदासीन हैं और भारत सरकार की ये योजना धरातल पर अपने दुखड़े बयां करने को मजबूर है। अब यह देखना होगा कि क्या शासन व जनपद के जिम्मेदार अधिकारी जमीनी स्तर पर व्यापक पैमाने पर व्याप्त अव्यवस्थाओं व लापरवाहियों की ओर अपनी नजरें इनायत करने का प्रयास करेंगे व लापरवाह लोगों के प्रति कोई कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे, अथवा सिर्फ खानापूर्ति कर योजनाओं की हरी झंडियां ही दिखाई देते रहेंगे।

Alok Mishra

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