जच्चा-बच्चा की मौत, जांच व बयान के बावजूद कार्यवाई पर लगा ग्रहण

50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय में चल रहा है मिलीभगत का खेल
पीड़ित व जनता कार्यवाई की चाह रही जानकारी स्वास्थ्य विभाग डाल रहा एक दूसरे पर जिम्मेदारी
ग्लोबल टाइम्स-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क, जिला संवाददाता राम प्रकाश शर्मा औरैया।
औरैया। पत्नी व बच्चे को खोने के बाद पीड़ित न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रहा है। पीड़ित ने अस्पताल की एक एएनएम पर रुपए मांगने एवं पत्नी के साथ मानवीय व्यवहार करने तथा लापरवाही का आरोप लगाया है। इस मामले में पीड़ित द्वारा दिए गये प्रार्थना पत्र के आधार पर सीएमओ द्वारा पीड़ित के बयान लिए गये। जिसकी सीडी बनाकर सीएमएस को सौंपी जा चुकी है, साथ ही कार्रवाई करने की भी निर्देश दिए गये हैं। इसके बावजूद कार्रवाई करने से सीएमएस इनकार करते हुए कहते हैं कि वह कार्रवाई नहीं कर सकते। उच्च स्तरीय अधिकारी कार्रवाई करेंगे जो प्रचलित है। जबकि सीएमओ का कहना है कि सीएमएस के अस्पताल का मामला है। कार्रवाई तो उन्हें करनी ही पड़ेगी। इसके बावजूद मामला चकरघिन्नी में फंसा हुआ है तथा कार्यवाही पर ग्रहण लगा प्रतीत हो रहा है। लंबे समय से विवादों के घेरे में रही आरोपी एएनएम पर कार्रवाई के लिए पीड़ित एवं जनता के लोग आस लगाए हुए हैं। देखना है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है? अथवा स्वास्थ्य विभाग मूकदर्शक व तमाशाई ही बना रहेगा, और मिलीभगत का खेल चलता रहेगा।
विकासखंड भाग्यनगर थाना फफूँद क्षेत्र के ग्राम तर्रई फतेहपुर बेनी निवासी सज्जन शर्मा पुत्र लाखन सिंह शर्मा की पत्नी विमला देवी 35 वर्ष को 27 अक्टूबर 2022 की शाम प्रसव पीड़ा हुई। जिसके चलते वह अपनी पत्नी को 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में लाया और भर्ती करने को कहा। उसी समय अस्पताल की महिला कर्मचारी ने सज्जन से प्रसव कराने के नाम पर 5 हजार रुपए की मांग की। जिस पर महिला के पति ने कहा की उसके पास रुपए नहीं है, तभी महिला कर्मचारी ने उसे डांटा और कहा कि जब तुम्हारे पास रुपए नहीं है तो यहां क्यों लाये। यहां से और कहीं ले जाओ। इसी बात को लेकर महिला का पति अपनी पत्नी को गोद में उठाकर दूसरी जगह ले जाने के लिए निकला और महिला को वाहन का इंतजार करते हुए सड़क के किनारे फुटपाथ पर लिटा दिया। यह नजारा देखकर अस्पताल के चिकित्सकों में हलचल मच गई। मामला गर्म होता देख कर सीएमएस व अन्य चिकित्सक अस्पताल के बाहर सड़क पर आये और स्ट्रेचर मगाकर महिला को पुनः अंदर ले गये, और भर्ती कराया। साथ ही महिला के पति से कहा कि उससे कोई भी रुपए नहीं मांगेगा। मामला बढ़ता देख कर महिला कर्मचारी अस्पताल से लोगों की नजरों से ओझल हो गई थी। आपको बताते चलें कि प्रसव पीड़ा से महिला वार्ड में तड़प रही थी एवं उसे ब्लीडिंग हो रही थी। लेकिन डॉक्टरों ने कोई भी तब्जो नहीं देकर महिला को तड़पता छोड़ दिया। 27/28 अक्टूबर की रात महिला को अमानबियता दिखाते हुए एंबुलेंस से मिनी पीजीआई सैफई रेफर कर दिया गया। महिला की सैफई पहुंचने से पहले ही इकदिल के पास मौत हो गई। रेफर करने से पहले महिला एवं उसका पति गिडिडाता रहा। पीड़ित की एक पुत्र 5 वर्ष व पुत्री 3 वर्ष की है, जिनकी देखरेख व पालन-पोषण करने वाला कोई भी नहीं है। इस संबंध में पीड़ित ने सीएमओ को लिखित शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था। जिसकी उन्होंने जांच करते हुए पीड़ित के बयान भी लिए। इसके साथ ही जेडी ने अस्पताल आकर जांच पड़ताल भी थी। इसके बावजूद अभी तक कोई भी कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमल में नहीं लाई गई है। यह बहुत ही खेद का विषय है। पीड़ित सज्जन का कहना है कि एएनएम आशा वर्मा ने उससे प्रसव के नाम पर 5000 रुपए की मांग की थी। चिकित्सकों की लापरवाही से उसकी पत्नी की मौत हो गई है। अब यदि उसे न्याय नहीं मिलेगा तो वह माननीय मुख्यमंत्री से इस आशय की शिकायत करेगा। क्या कहती है सीएमओ मैडम? इस संबंध में गुरुवार को दूरभाष के माध्यम से जब सीएमओ अर्चना श्रीवास्तव से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि उन्होंने सीएमएस को सीडी बना कर दी है। प्रार्थना पत्र भी दिया है तथा वीडियो बयान भी उपलब्ध करा दिया है। कार्यवाही तो करनी ही पड़ेगी। सीएमओ श्रीमती श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने कार्रवाई किए जाने के लिए सीएमएस राजेश मोहन गुप्ता को पत्र जारी किया है। लेकिन विडंबना है की सीएमओ एवं सीएमएस कार्रवाई करने से बच रहे है। इसके अलावा कार्रवाई के मामले को चकरघिन्नी की तरह घुमा रहे हैं। जिससे प्रतीत होता है कि कार्रवाई को ग्रहण लग चुका है। लंबे समय से विवादों से घिरी रही एएनएम पर कार्रवाई के लिए पीड़ित व जनता के लोग अस्पताल प्रशासन पर आंखें गड़ाए हुए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों पर सवालिया निशान भी खड़े कर रहे हैं। देखना है कि आखिर आरोपी एएनएम पर कार्रवाई करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कब कदम उठाएंगे?