उत्तर प्रदेशलखनऊ

मुझे तो जानकारी नहीं है,और मैं तो पीएम किसान एवं ड्रोन कैमरों को उड़ानें में व्यस्त रहा !

सोमवार को भी मीडिया सर्वे रिपोर्ट में पंचायती राज विभाग के रोस्टर चार्ट की मिली खामियां,

विकास खंड के लगभग डेढ़ दर्जन पंचायत सचिवालयों में कुछ सचिवों ने तो जिम्मेदारी निभाई, लेकिन राजस्व लेखपालों ने उड़ाई धज्जियां!

एडीएम एफआर कानपुर व एसडीएम बिल्हौर लिया संज्ञान, होगी सख्त कार्रवाई!

Global Times7 News Network Lucknow Uttar Pradesh

योगी सरकार के मंशानुरूप गांवों की समस्याओ को गांव में निपटाया जा सके जिसके लिए कानपुर जिला प्रशासन एवं पंचायती राज विभाग के सहयोग से पूरे जनपद के विकास खंडों की ५९० ग्राम पंचायतों में पंचायत रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली की व्यवस्था की गई, जिसमें राजस्व विभाग लेखपाल, स्वास्थ्य विभाग आशा बहू,पंचायती राज विभाग पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, पंचायत सहायक व बाल विकास पुष्टाहार विभाग से आंगनवाड़ी कार्यकत्री की रोस्टर चार्ट के मुताबिक पंचायत सचिवालय में बैठने की व्यवस्था हेतु ड्यूटी लगाई गई, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सराहनीय व्यवस्था को जन्म दिया गया, लोगों का कहना है कि यदि यह व्यवस्था सुदृढ़ ढंग से लागू हो जाए तो गांवों की हर समस्याओ का खात्मा हो सकता है, क्योंकि जब सभी कार्य गांवों में ही होगें तो व्यर्थ में हम लोगों को तहसील ब्लाक, थाना इत्यादि के चक्कर लगाने पड़ेंगे, जो अब आसानी हो जायेगी, वहीं पंचायती राज विभाग द्वारा
जमीनी स्तर को मजबूत करने के लिए रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली व्यवस्था लागू होने के दूसरे सप्ताह के सोमवार को मीडिया सर्वे में देखने को आया कि ज्यादातर राजस्व विभाग के लेखपालों द्वारा की जिला प्रशासन के निर्देशों की अवेहलना की जा रही है जिन्हें विभागीय स्तर से जानकारी नहीं अथवा या फिर जानकर भी रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली के अनुरूप निर्धारित पंचायतों में नहीं पहुंचे ।

आईये एक नज़र सोमवार को मीडिया मानिटर्निंग रिपोर्ट में जनपद के बिल्हौर तहसील के लेखपालों का हाल

मुझे जानकारी नहीं, मेरी तो ड्यूटी विषधन में थी,मैं तो ड्रोन कैमरा उड़ानें में मशगूल रहा,भाई मैं एसडीएम मैडम व तहसीलदार साहब से बात करूंगा कि तेरह तेरह गांव में ड्यूटी कैसे कर सकूंगा!

जनपद के कानपुर पंचायतीराज विभाग के द्वारा जारी ग्राम पंचायतों के रोस्टर चार्ट प्रणाली बैठक व्यवस्था की बात की जाए तो सोमवार को मीडिया मानटर्निंग रिपोर्ट में सबसे ज्यादा बिल्हौर तहसील के राजस्व लेखपालों के द्वारा नियमों के उल्लंघन करने के पश्चात जिला प्रशासन के निर्देशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई पड़े, लेकिन देखने में आया यह भी आया कि पुरुष लेखपालों की अपेक्षा महिला लेखपालों ने अपना कुछ फर्ज निभाने प्रयास कर पंचायतों में पहुंच कर जिम्मेदारी निभाई ।
बताना है कि बिल्हौर तहसील के सिर्फ एक विकास खंड शिवराजपुर की लगभग ६५ ग्राम पंचायतों के कुछ ग्राम पंचायतों की मीडिया टीम पड़ताल में मानटर्निंग रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें दर्जन भर से अधिक लेखपाल अपनी अपनी जिम्मेदारियों को निर्वहन न करते हुए ग्राम पंचायतों में नहीं पहुंचे, जबकि समाचार पत्रों एवं मीडिया सुर्खियों व पंचायती राज विभाग की सख्ती के चलते कुछ पंचायत सचिवालयों में सचिवों की उपस्थिति देखने व सुनने को मिलती नजर आई ।
लेकिन वहीं, दूसरी ओर
सोमवार को लेखपालों द्वारा आदेशित मामले की धज्जियां उड़ती नजर आई,
विकास खंड शिवराजपुर की ग्राम पंचायत नदीहा बुजुर्ग में लेखपाल गोपाल दीक्षित नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होंने विषधन ग्राम पंचायत में डोन कैमरा उड़ा कर अपनी ड्यूटी पूरी की, सैलाहा ग्राम पंचायत में निशा कमल पंचायत में पहुंची, काकूपुर सीता राम में लेखपाल आकांक्षा पहुंची, ग्राम सभा तारा पति में लेखपाल प्रशांत त्रिपाठी को रोस्टर चार्ट प्रणाली के बारे नहीं होने की सीधी बात थमा कर जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाई! दिनकरपुर ग्राम सभा में राजीव राजौरिया की बैठक हेतु ड्यूटी लगाई थी, लेकिन नहीं पहुंचे, बल्कि उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि तेरह तेरह गांव का जिम्मा सौंप दिया गया, पीएम किसान देखूं, किस स्वामित्व योजना, हमने आज महिपालपुर व अन्य दो और ग्राम सभाओं में कार्य किया, अब दिनकरपुर में रोस्टर चार्ट कैसे सम्भालू, इस पर कल मंगलवार को एसडीएम व तहसीलदार से बात भी करूंगा, ग्राम सभा मानपुर में अभिनव बाजपेई ने पंचायत सचिवालय में पहुंचकर रोस्टर चार्ट के मुताबिक बैठक करना मुनासिब नहीं समझा, इसके अलावा लेखपाल सतीश कुमार भी नेवादा महाशरन में नहीं पहुंचे, घिमऊ ग्राम पंचायत लेखपाल विपिन कुमार नहीं पंचायत सचिवालय में तय रोस्टर के मुताबिक नहीं पहुंचे।
जबकि सूचना यही भी है कि रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली व्यवस्था सूची के सम्बंध में अधिकतर लेखपालों द्वारा कोई गहराई एवं गम्भीरता पूर्वक संज्ञान नहीं लिया गया है, जहां जिला प्रशासन के निर्देशन के क्रम में सोमवार को विकास खंड के लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लेखपाल अपनी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन न करते हुए रोस्टर के अनुसार बैठक व्यवस्था के तहत पंचायतों से नदारद रहे। जो तहसील प्रशासन की नाकामी एवं कार्यवाहियों के लिए खुली चुनौती भी साफ तौर पर साबित हो कर सामने आ रही है,

तहसील प्रशासन एवं जिला प्रशासन द्वारा क्या सुनिश्चित होगी कार्रवाई -?

अब ऐसे में एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि निरंकुश हो रही प्रशानिक व्यवस्था को लेकर लापरवाही बरतने वाले लेखपालों पर सम्वंधित तहसील प्रशासन व जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा अथवा सिर्फ आदेश पत्र जारी कर महज खानापूर्ति कर दी जाएगी,

क्या बोले तहसील एवं जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी,पढ़ें उनकी स्वयं की जुबानी


रश्मि लांबा,एसडीएम, बिल्हौर

रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली व्यवस्था के सम्बंध में तहसील स्तरीय सभी राजस्व लेखपालों को पूर्व से ही निर्देशित किया जा चुका है, जिन जिन लेखपालों को जानकारी नहीं है, जवाब तलब किया जाएगा, और जो जिला प्रशासन द्वारा जारी रोस्टर चार्ट बैठक प्रणाली की अवेहलना करेगा उसके प्रति विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी!

राजेश कुमार, एडीएम वित्त एवं राजस्व, कानपुर नगर

पंचायतों में बैठक व्यवस्था की जानकारी है, सभी तहसीलों को निर्देशित किया जा चुका है, सम्वंधित मामलों की जानकारी की जा रही है,जो लापरवाही बरतेगा विभागीय कार्रवाई अमल में अवश्य लाई जाएगी!

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