उत्तर प्रदेशलखनऊ

चंबल नदी का जल स्तर कम,लेकिन गांव के लोग संक्रामक बीमारियों की चपेट में।

किसानों की हरी भरी फसल बाढ़ की चपेट में।

ग्लोबल टाईम्स 7 डिजिटल न्यूज नेटवर्क टीम चकरनगर, इटावा तहसील ब्यूरो नीरज त्रिपाठी।

नदियों की बाढ़ से फसलें डूब गई है।संक्रामक बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिए।
जिसकी चपेट में जानवर व आदमी बच्चों में खाज खुजली बुखार जुखाम आदि रोगों से पीड़ित है।काली सिंध कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गए 25 अगस्त को 24:00 लाख क्यूसेक पानी से क्षेत्र में चंबल नदी खतरे के निशान 119 .80 से 128 .15 पर शनिवार शाम को जल स्तर रहा।चंबल के दबाव से यमुना नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान 121 .90मीटर के करीब 121 .77 पर पहुंच गया .
जिससे क्षेत्र के 50 गांव में बाढ़ की विभीषिका कम होने का नाम नहीं ले रही है।नदियों के किनारे गांव में चारा डूबकर समाप्त हो गया है, जो अब जानवरों को नदी का पानी उतरने के बाद भी नहीं खिलाया जा सकता ।जानवरों को रखने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है । भरपूर चारा भी नहीं मिल रहा है ।गांव के चारों तरफ पानी भरे होने के कारण जानवरों में भी संक्रामक बीमारियां फैलनी शुरू हो गई।गढाकासदा प्रधान प्रतिनिधि राम कुमार राठौर ने बताया कि हमारे गांव में जानवरों में बीमारी फैल गई है जिसके कारण दूध भी सूख गया है।जानवर बीमार हो रहे हैं। 1 दर्जन से अधिक जानवर बीमार है।ककरहिया गांव की संग्राम सिंह ने बताया कि हमारी बेटी पूजा 7 वर्ष की शरीर में फुंसी निकल आई है तेज बुखार आ रहा है।
कई दिनों से पानी में गिरे रहने के कारण परिवार के अन्य लोगों को भी जुखाम बुखार अन्य बीमारियां हो रही हैं।धर्मजीत राठौर रामजीत राठौर राजेश कुमार राजपूत अक्षयशर्मा गुड्डू निषाद गढाकासदा ने बताया पानी से घिरे घरों में ग्रहस्ती छतों पर रखी हुई है जिस को छोड़कर कहीं जा नहीं सकते । रात सोने के लिए सुरक्षित जगह नहीं दिन में सोने को समय नहीं मिलता।
चारों तरफ पानी भरा होने के कारण शौच क्रिया को जाने की भी समस्या खड़ी हो जाती है।
समस्याओं से घिरे लोग एक दूसरे का विभिन्न तरह की जुगाड़ बना कर रोजमर्रा के कार्यों को पानी के बीच जा रहे हैं कोई मोटर वाहनों के ट्यूब में हवा भर कर गहरे पानी में उसके सहारे जरूरत का सामान चारा खानपान आदि को कर रहे हैं।घरों में जवान बहनें बेटियां नहाने धोने उठने बैठने की समस्या से दो-चार हो रही है।
बाढ़ से घिरे लोग प्रशासन से कोई गिला नहीं करते पर समस्याओं से निजात पाने के लिए प्रशासन का सहारा ले रहे हैं।बाढ़ से घिरे गांवों में पेट्रोलिंग टीम मोटर बोट के सहारे निरंतर अधिकारियों की टीम को जरूरत का सामान लेकर खाना दवाई आदि चीजों के साथ जरूरतमंद लोगों को गंतव्य स्थान तक भी पहुंचा जाए जिससे कि गांव में भरे पानी के दौरान कहीं कोई हादसा ना हो जाए।आपदा के दौर में ग्रामीण एक दूसरे के लिए कंधे से कंधा मिला कर आपदा से निपटने का प्रयास कर रहे हैं।गांव गली में पानी होने के कारण मासूम बच्चे घरों में कैद होकर रह गए पानी के चलते इन बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।नदी का पानी अभी कुछ कम हुआ है ।लेकिन खतरे के निशान से अभी भी नदी ऊपर बह रही है।यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुना पट्टी के गांव में बाढ़ के प्रलयकारी हालात पैदा हो गए।चंबल नदी में आई अब तक की सबसे बड़ी बाढ त्रासदी से निकट वहने वाली यमुना कुंवारी नदी उफान मार रही है।बाढ़ के चलते क्षेत्र में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है चकरनगर क्षेत्र में बाढ़ ने ग्रामीणों के साथ-साथ सरकारी संपत्ति का भी नुकसान बड़े पैमाने पर बुरा बाढ़ ग्रस्त गांव के 1 दर्जन से अधिक स्कूल बाढ़ के पानी में डूबे हुए है।शिक्षण कार्य के सामान के साथ-साथ स्कूल की भवन आदि सभी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।उप जिलाधिकारी चकरनगर मलखान सिंह ने बताया सभी गांव में डॉक्टरों की टीम में ग्रामीणों को उपचार के लिए तैनात की गई जानवरों के लिए भी बैटनरी विभाग ने वैक्सीनेशन शुरू किया गया है।
ग्रामीणों में किसी प्रकार की भी संक्रमण बीमारी की रोकथाम के लिए प्रतिदिन स्वास्थ्य अमला लोगों को उपचार दे रहा है।
समस्या होने पर तत्काल प्रशासनिक अमले को जानकारी दें ग्रामीणों को तत्काल स्वास्थ्य लाभ उपलब्ध कराया जाएगा लापरवाही करने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी आपदा के दौर में किसी की भी लापरवाही नहीं होगी।

Global Times 7

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