उत्तर प्रदेश

Mahakumbh 2025: संगम तट पर भगदड़ से मची चीख-पुकार, प्रयागराज में श्रद्धालुओं की एंट्री बैन।

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सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया रद्द
Mahakumbh 2025: प्रयागराज से बड़ी खबर सामने आई है। संगम तट पर अमृत स्नान से पहले भीड़ का दबदबा इतना बढ़ गया कि मंगलवार देर रात करीब 2 बजे भगदड़ मच गई। हादसे में 17 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि मरने वालों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है। 50 से अधिकर संख्या में लोग घायल हुए हैं। हालांकि, प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं दी है। हादसे के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। आम लोगों की एंट्री यहां रोक दी गई है। मौके पर मुस्तैद प्रशासन ने तत्काल राहत-बचाव का काम शुरू किया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
संगम मार्गों पर कुछ बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई…आकांक्षा राणा
श्रद्धालुओं के मुताबिक भगदड़ मचते ही लोग दौड़े। इससे कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। खबर मिलते ही 50 से ज्यादा एंबुलेंस घायलों को लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुई हैं। महाकुंभ में भगदड़ की खबरों पर विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा का कहना है, “संगम मार्गों पर कुछ बैरियर टूटने से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कुछ लोग घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है।”

संगम तट पर NSG कमांडो ने संभाला मोर्चा…आम लोगों की एंट्री बंद
बता दें कि अमृत स्नान न करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अखाड़ों से बात की। इससे अखाड़ों ने अमृत स्नान टाल दिया। सुबह पांच बजे श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा स्नान करते। फिर जूना, अग्नि, आवाहन और किन्नर अखाड़ा के स्नान का समय था। इनके बाद वैष्णव संप्रदाय के दिगंबर अनी, निर्मोही अनी और निर्वाणी अनी स्नान  करते। अंत में निर्मल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था। हादसे के बाद संगम तट पर NSG कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके को आम लोगों की एंट्री बंद कर दी। प्रयागराज में भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर की सीमा वाले सभी जिलों में अधिकारियों को श्रद्धालुओं को रोकने के लिए मुस्तैद कर दिया गया है।
भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका…
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा हुआ था। दोपहर में बेकाबू भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई। संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए। अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया। जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता। आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी। रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई। इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका। जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया।
गौरतलब है कि महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान है। जिसके चलते हर तरफ श्रद्धालु ही दिखाई दे रहे हैं। प्रशासन के मुताबिक संगम समेत 44 घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है। इससे ठीक एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई।

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