शक्ति उपासना का महापर्व शारदीय नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ, मंदिरों में भव्य तैयारियां पूरी
*फ़ोटो-काली देवी मंदिर में चलती हुई तैयारी*
*जीटी-7, रामजी पोरवाल संवाददाता तहसील ब्यूरो औरैया रिपोर्ट। 02 अक्टूबर2024*
*#औरैया।* शक्ति की उपासना का महान पर्व शारदीय नवरात्रि आज से पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ प्रारंभ हो गया है। शहर के प्रमुख मंदिरों में विशेष तैयारियों के साथ भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। इस अवसर पर शहर के प्रसिद्ध मंदिर जैसे फूलमती देवी, काली देवी, मंगला काली मंदिर और विंध्यवासिनी मंदिर में देर रात तक जोर-शोर से तैयारियां चलती रहीं। जिसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी शारदीय नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक माता के नौ विभिन्न रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। मंदिरों को आकर्षक फूलों और रोशनी से सजाया गया है, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गये हैं। फूलमती देवी मंदिर में मां दुर्गा की प्रतिमा को विशेष रूप से सजाया गया है, वहीं काली देवी मंदिर में विशेष अनुष्ठान और पूजा का आयोजन हो रहा है। मंगला काली मंदिर और विंध्यवासिनी मंदिर में भी देर रात तक तैयारियां चलती रही। जिसे अंतिम रूप दिया गया। स्थानीय प्रशासन द्वारा भी श्रद्धालुओं की सुविधाओं और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किये हैं।मंदिरों के आस-पास ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है, और जगह-जगह पर पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है। इस नवरात्रि के दौरान भक्तों की आस्था चरम पर है, और वे उपवास, पूजा-पाठ, और भजन-कीर्तन के माध्यम से माता दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए समर्पित हैं। ज्ञात हो कि हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व होता है। साल भर में कुल चार नवरात्रि आती हैं, जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का खास महत्व होता है, जबकि दो गुप्त नवरात्रि होते हैं। नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना करने का विधान होता है। नवरात्रि के पहले दिन यानी आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ विधि-विधानपूर्वक नौ दिनों तक लगातार पूजा-पाठ और मंत्रोचार के साथ मां दुर्गा की स्तुति की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा डोली पर सवार होकर पृथ्वी पर आ रही हैं। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन तक मां दुर्गा अपने भक्तों के बीच में रहती हैं और सभी को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
*इनसेट में -*
*कलश स्थापना के साथ आज होगी मां शैल पुत्री की पूजा*
*औरैया।* नवरात्र के पहले दिन तीन अक्तूबर को मां शैल पुत्री की पूजा होगी। इस दिन सुबह 09:39 से दोपहर 12:31 तक हस्त नक्षत्र, स्थिर लग्न, अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना होगी। घट स्थापना समय में भद्रा व अन्य दोष ना होने के कारण अत्यंत शुभ फल प्रदान करने वाला होगा। कलश स्थापना के लिए हस्त नक्षत्र में सुबह 07:44 से दोपहर 1:35 बजे तक समय सही रहेगा। इसके बाद ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री देवी का पूजन होगा। बताया कि जो भी पहली बार नवरात्र के व्रत रखना चाह रहा है उसके लिए बहुत ही शुभ होगा।