उत्तर प्रदेश

नौनिहालों व माताओं के टीके का हिसाब रखेगा यू विन

जनपद में नौनिहालों-गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण की होगी ऑनलाइन एंट्री

कोविन पोर्टल की तर्ज पर यू-विन पोर्टल से होगा वैक्सीनशन, मिलेगा डिजिटल सर्टिफिकेट

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में स्वास्थ्य अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित

जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा।
05 मार्च 2024

#औरैया।

कोरोना महामारी के समय कोविन पोर्टल के माध्यम से लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा दी गई थी। अब उसी तर्ज पर अब यू-विन पोर्टल पर गर्भवती व नवजात शिशु से पाँच वर्ष तक की आयु के बच्चों को टीके लगवाने के लिए टीकाकरण केंद्रों की जानकारी व ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा होगी। लोग आसानी से टीका लगवाने के लिए बुकिंग करा सकेंगे। टीका लगवाने का डिजिटल प्रमाण पत्र भी प्राप्त होगा। यू-विन पोर्टल पर पंजीकरण के बाद बच्चों व गर्भवती को देश भर में कहीं भी टीका लगवाने की सुविधा दी जाएगी। यह जानकारी जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने दी।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में इस पोर्टल के संचालन के लिये एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण को सम्बोधित कर रहे थे। राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त कर आये प्रशिक्षकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र के अधिकारियो को प्रशिक्षित किया गया।प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह प्रशिक्षित टीम अपने ब्लॉक व क्षेत्रों में आशा और एएनएम को प्रशिक्षण देंगे। डॉ सिंह का कहना है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविन की तर्ज पर ही यू विन पोर्टल शुरू कर गर्भवती माताओं व बच्चों के टीकाकरण को भी आसान बना दिया है। इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आप महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण को लेकर निश्चिंत हो सकते हैं।
सहयोगी संस्था यूएनडीपी के क्षेत्रीय समन्वयक मौसम जैसवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ एवं बाराबंकी दो जिलों में शुरू किया गया था। कहा कि अस्पतालों में बच्चों को बीसीजी, हैपेटाइटस, डिथीरीया, पोलियो समेत गर्भवती महिलाएं टीकाकरण करवाने के लिए आती हैं। टीकाकरण के लिए फील्ड स्टाफ लोगों को सूचना देता था। इस टीकाकरण के लिए लोगों को पहले अस्पताल में पंजीकरण के बारे में पता लगाना पड़ता था। साथ ही टीकाकरण हो रहा है या नहीं, इस बारे भी बार-बार अस्पतालों से पता करना पड़ता था। टीकाकरण का पता चलने के बाद लोग अस्पतालों का रुख करते थे। जिससे अब छुटकारा मिल गया है।
ऐसे करें उपयोग
वीसीसीएम सतेंद्र मिश्रा ने बताया कि यूविन पोर्टल या ऐप को मोबाइल में डाउनलोड कर आप खुद को तथा अपने परिवार के सदस्यों को रजिस्टर कर इसका लाभ उठा सकते हैं। आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए यूविन पोर्टल को कोविन से भी जोड़ दिया गया है। इस कारण ज्यादातर लोगों के आंकड़े पहले से ही पोर्टल पर मौजूद हैं। जैसे ही आप अपने पूर्व में कोविड टीकाकरण के वक्त कोविन एप दर्ज कराए गए अपने मोबाइल नंबर को यूविन एप पर रजिस्टर करते हैं, वहां आपका नाम, पता, आधार नंबर आदि विवरण आ जाता है। बच्चे की जन्मतिथि डालते ही लगने वाले टीके की पूरी सूची तारीख के साथ दिखने लगेगी।
यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में सहयोगी संस्था यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित हुआ। इस प्रशिक्षण में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ शिशिर पुरी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीपी शाक्य सहित सहयोगी संस्थाओं डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, यूनिसेफ के डीएमसी , यूपीटीएस से डी एस सी ओ और यूएनडीपी के प्रतिनधि और जिला वैक्सीन मेनेजर मौजूद रहे। प्रशिक्षण में समस्त ब्लॉक के बीपीएम , बीसीपीएम,चिकित्सा अधीक्षक और स्वास्थ्य सूचना अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
यूविन में पंजीकरण के लिए क्या-क्या है जरूरत
यदि आधार से जुड़ा हुआ मोबाइल नंबर हो तो बेहतर,बच्चे के मामले में उसकी जन्म तिथि की सही जानकारी, गर्भवती महिला के मामले में आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासर्स्ट, पेंशन बुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर स्मार्ट कार्ड,मतदाता पहचान पत्र, दिव्यांग कार्ड या फोटो युक्त राशन कार्ड।
यूविन के फायदे
परिवार के सभी सदस्यों के टीकाकरण का डाटा एक साथ एक ही जगह पर उपलब्ध होगा।
पूरे देश में टीका की आपूर्ति एवं उपयोग की केन्द्रीयकृत निगरानी हो सकेगी। स्वास्थ्य कार्यकर्ता के कार्यों का आकलन भी हो सकेगा। टीके की तारीख भूलने नहीं देगा। स्लॉट बुकिंग कर समय भी बचाएगा टीके की दवा की बर्बादी भी रोकेगा, क्योंकि एप में टीके की डोज की उपलब्धता का भी विवरण दर्ज होगा।

Global Times 7

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