उत्तर प्रदेश

मित्रता हो तो भगवान श्री कृष्ण व सुदामा जैसी पं सुदीप कृष्णदेव महाराज

जीटी-7, डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क कानपुर मंडलब्यूरो रिपोर्ट, रामप्रकाश शर्मा।
27 फरवरी 2024

#बिधूना,औरैया।

शिव मंदिर भिखरा गढी पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन श्री वृंदावन धाम मथुरा के भगवताचार्य पंडित सुदीप कृष्णदेव जी महाराज ने श्रीकृष्ण सुदामा प्रसंग का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो तो श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। आचार्य ने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो अपने मित्र की परेशानी समझे और बिना कहे उसकी मदद कर दें लेकिन आज के समय में स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध होता है तब तक मित्रता रहती है और स्वार्थ सिद्ध हो जाने पर मित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर अपने मित्र भगवान श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिकापुरी जाते हैं। महल के द्वार पर पहुंच जाते हैं तो प्रहरियों को भगवान श्रीकृष्ण का अपने को मित्र बताते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी यह कहकर उनका उपवास उड़ाते हैं कि दरिद्र व्यक्ति भगवान श्रीकृष्ण का मित्र कैसे हो सकता है। बाद में एक प्रहरी महल में जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि एक दरिद्र व्यक्ति आपसे मिलने आया है और वह अपना नाम सुदामा बता रहा है यह सुनते ही भगवान श्री कृष्णा नंगे पांव दौड़ पड़े और सुदामा को अपने गले लगा लिया। भगवताचार्य ने कहा कि असली मित्र की पहचान मित्र पर कष्ट आने के समय होती है। उन्होंने कहा कि इस कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से मानव का कल्याण संभव हो सकता है ऐसे में भागवत कथा अवश्य सुननी चाहिए। भगवताचार्य ने कहा कि माता-पिता गुरु व दिव्यांग की सेवा से बढ़कर कोई दूसरी पूजा नहीं है। माता-पिता व गुरु की सेवा में ही सभी तीर्थों का फल प्राप्त हो जाता है। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक कृष्ण प्रताप सिंह सेंगर भैयाजी, परीक्षित रमा सेंगर, सुनील सेंगर, पूर्व प्रधान धीर प्रताप सिंह सेंगर, वीर प्रताप सिंह सेंगर, पन्ना लाल वाजपेई, लोकेंद्र प्रताप सिंह सेंगर, ओमकार सिंह सेंगर, हरगोविंद सिंह सेंगर, भगवान सिंह चौहान, श्यामचंद बाजपेई, प्रताप सिंह सेंगर आदि प्रमुख लोगों के साथ सैकड़ों की संख्या में श्रोतागण मौजूद थे।

Global Times 7

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