उत्तर प्रदेशलखनऊ

स्वच्छता कैंपेन को लेकर हुआ आयोजन

शैक्षणिक संस्थाओं के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन करते हुए अभिलेखों का निस्तारण

ग्लोबल टाइम्स-7
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न्यूज नेटवर्क
अनूप गौङ
जिला संवाददाता
कानपुर देहात

पुखरायॉ

स्वच्छता स्पेशल कैंपेन ३.० के तहत शैक्षणिक संस्थाओं के रिकॉर्ड का डिजिटाइजेशन करते हुए अभिलेखों का निस्तारण करना विषय पर संगोष्ठी का आयोजन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ द्वारा किया गया। जिसमें क्षेत्रीय केंद्र एवं अध्ययन केंद्र के कार्यालय के अभिलेख को डिजिटलाइज्ड करते हुए निस्तारण करने हेतु आभासी मंच के माध्यम से चर्चा की गई। जिसके मुख्य अतिथि प्रोफेसर अनूप सिंह प्राचार्य पीपीएन कॉलेज कानपुर, विशिष्ट अतिथि वरुण छछर सदस्य उच्च शिक्षा/ काउंसिल,अध्यक्ष विधि विभाग विश्वविद्यालय लखनऊ, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत अध्यक्ष समाजशास्त्र एवं सोशल वर्क, डॉहरि सिंह गौर विश्वविद्यालय सागर मध्य प्रदेश, कार्यक्रम की संयोजक डॉ मनोरमा सिंह वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ कार्यक्रम का संचालन डॉ कीर्ति विक्रम सिंह सहायक क्षेत्रीय निदेशक इग्नू् क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ। आभार प्रदर्शन डॉ सपन अस्थाना जी ने किया।डा मनोरमा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इग्नू क्षेत्रीय केंद्र लखनऊ का प्रयास स्वच्छता ही सेवा का भाव रखते हुए कार्यालय एवं समाज को स्वच्छ रखना है। मुख्य अतिथि डाअनूप सिंह ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2014 से स्वच्छता की जो अगुवाई की गई निरंतर भारत स्वच्छता की ओर बढ़ रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री जी द्वारा स्वच्छता को संस्कृति का रूप दिया गया।संस्थाओं को कैसे स्वच्छ रखा जाए रिकॉर्ड को कैसे डिजिटल करें जितने भी शिक्षण संस्थाए/कार्यालय हैं उनको कैसे डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा जाए। ट्री हाउस आदि मुद्दों पर चर्चा की विशिष्ट अतिथि वरुण छछर ने कहा कि इग्नू एक बड़ा विजन है जो पर्यावरण एवं स्वच्छता के प्रति लोगों को लगातार जागरुक कर रहा है। पर्यावरण से वेस्ट मैनेजमेंट का बड़ा संबंध है जब पर्यावरण से अभिलेख को जोड़ते हैं तो हम देखते हैं तमाम संस्थाओं द्वारा सिस्टम पर अभिलेखों को सुरक्षित तो किया जाता है किंतु सिस्टम में लोड अधिक होने के कारण सिस्टम की गति कम हो जाती है इसके लिए हमें सिस्टम के कचरे को भी साफ रखना होगा रिकॉर्ड को पोर्टल पर अपडेट करने से जन सामान्य को सूचनाओं को जुटाना आसान होगा तथा पेपर के स्थान पर मेल आदि का प्रयोग करने से पेड़ों की कटान कम होगी जिससे पर्यावरण स्वच्छ एवं साफ रखने में मदद मिलेगी , कूड़े का पहाड़ शहर की एक बड़ी समस्या है जिससे निजात पाने के लिए कचरे का निस्तारण आवश्यक है इसके लिए हर व्यक्ति के पास एक ऐप हो जिससे बता सके कि हमारे एरिया में कचरे की क्या स्थिति है हालांकि सरकार सेंसर आदि लगाकर जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर दिवाकर सिंह राजपूत ने कहा कि शैक्षणिक संस्थाओं के लिए स्वच्छता का महत्व और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि हम समाज को दिशा देने वाले होते हैं यदि हमारा परिवेश साफ रहता है तो उससे लोगों को मोटिवेशन मिलता है। 21वीं सदी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के इस युग में भौतिक एवं वैचारिक स्वच्छता पर ध्यान देना होगा इसके लिए हर शिक्षक को ब्रांड एंबेसडर बनना होगा। बहुत आवश्यक हो जाता है यह सोचना की आओ वैदिक संस्कृति की ओर लौट चलें इसके लिए स्वच्छता से जागरूकता, जागरूकता से सफलता का मंत्र दिया। सपन अस्थाना जी ने समस्त अतिथियों ,शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर कीर्ति विक्रम सिंह ने कहा कि आज आवश्यकता केवल समष्टि स्तर पर स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम की ही नहीं बल्कि सूक्ष्म स्तर पर भी हमें ध्यान देना होगा हमें नियमित दिनचर्या में यह देखना होगा कहीं हमारा कार्य व्यवहार कार्यालय/समाज एवं राष्ट्र में गंदगी तो नहीं फैला रहा। डॉ पर्वत सिंह ने कहा कि यदि हमारी प्रवृत्ति में एक बार स्वच्छता प्रवेश कर जाए तो निश्चित भारत प्रदूषण से मुक्त होगा इसके लिए हमें इस तरह के अनेक जागरूकता कार्यक्रमों में प्रतिभा करने की आवश्यकता है एवं अपने आप को स्वच्छता के साथ प्रतिबद्ध करना है। इस अवसर पर विभिन्न अध्ययन केंद्र के समन्वयक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

Global Times 7

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