आल्हा सम्राट लल्लू बाजपेई स्मृति सम्मान समारोह में पहुंचे पूर्व डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा


ग्लोबल टाइम 7
न्यूज नेटवर्क
उन्नाव
फुन्नी त्रिपाठी
उन्नाव तहसील बीघापुर के नारायणदास खेड़ा में आयोजित आल्हा सम्राट लल्लू बाजपई की स्मृति सम्मान समारोह में उनके व्यक्तित्व को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्य अतिथि पूर्व डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि उनके दुबले पतले शरीर पर बड़ी- बड़ी मूंछे व हाथ में तलवार अलग व्यक्तित्व पेश करती थी। कहा कि आज आल्हा, बिरहा, नौटंकी, रामलीला जैसी संस्कृति समाप्त होती जा रही है। हमें भूली हुई संस्कृतिक विरासत को पुनर्जन्म देना पड़ेगा। आल्हा सम्राट लल्लू बाजपेई भारतीय लोक गायक व लोक कलाकार थे। उन्होंने न सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में बल्कि देश के कई अलग अलग भागों में आल्हा को विशेष गायन शैली से प्रचलित कराया। आल्हा गायन लखनऊ दूरदर्शन के चौपाल कार्यक्रम में अक्सर आया करता था। वे एक ओर तो अपने जोशीले गायन के लिए जाने जाते थे, दूसरी ओर तलवार और मूंछों के लिए। आल्हा गाते हुए वे अपने हाथ में एक तलवार रखते थे और गाते- गाते उसे भांजते रहते थे। लल्लू बाजपेई की आल्हा की रचना के एक एक वाक्य स्वरचित थे। आल्हा उदल हवा से बात करते थे। लल्लू बाजपेई के आल्हा गायन में लगता था इसका सजीव चित्रण धरती पर उतर आया है। आल्हा गायन का भी आयोजन हुआ। स्मृति समारोह में राज्यमंत्री राजेश्वर सिंह, राज्यमंत्री कौशल किशोर, जिला पंचायत अध्यक्षा शकुन सिंह, विधायक आशुतोष शुक्ला, जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष हरिसहाय मिश्रा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य अंकित मिश्रा, शशांक शेखर सिंह शनि, दिलीप बाजपेई, प्रकाश सिंह, आशु बाजपेई, मनोज शुक्ला, अंकित पांडेय आदि सैकड़ो की तादाद में आयोजित कार्यक्रम में लोग मौजूद रहे रहे।