तर्रई गौशाला में भूख प्यास से तड़प-तड़प कर मर रहें गोवंश

जीटी-70025, ओम कैलाश राजपूत संवाददाता फफूँद।
10 जुलाई 2023
#फफूँद,औरौया।
प्रदेश सरकार गौवंशों के संरक्षण के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है एवं गौशाला संचालकों को समय-समय पर दिशा-निर्देश देती रहती है। इसके बावजूद जिले में गौशालाओं की स्थिति किसी से छुपी हुई नहीं है। संसाधनों के अभाव में गौवंश भूखे प्यासे रहकर दम तोड़ रहे हैं। इसके अलावा गौशालाओं में जमीन दलदली होने के कारण गोवंश कीचड़ में रहने को मजबूर हैं। गौवंशों की दुर्दशा को देखकर जनपद वासियों में केयर टेकरों एवं प्रशासन के प्रति आक्रोश पनप रहा है।

जनपद औरैया की ग्राम पंचायत तर्रई मे बने गौशाला की बद से बदतर हो गई है। कीचड़ मे दवी हुई हैं। चारा के नाम पर खाना पूर्ति हो रही है। नांद सूखी पड़ी हुई हैं। गौशाला के समीप बना अमीरगंज के लोगों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रोज 6 से 7 गाय मर जाती है। ट्रैक्टर मे बांधकर खींच कर ले जाते है। खुले में डाल देते हैं, कुत्ते और मांसाहारी पक्षी नोच-नोच कर खाते हैं। कुछ गौवंश तो कीचड़ में दवे हैं। वे उठ ही नहीं पा रहे है, हालात बहुत खराब है। इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रमोद कुमार पाल ने जानकारी लेने पर बताया कि तीन महीने से कोई भी गौशाला के नाम पर पैसा नहीं आया है। प्रधान क्या अपने घर से खर्च करे। गौशालाओं में शासन व प्रशासन के द्वारा यदि गोवंशों को चारा पानी गाना आदि का समय के रहते इंतजाम नहीं किया जाता है तो गौशालाओं की स्थिति बहुत ही भयावह हो सकती है। जनपद के गणमान्य, वरिष्ठ, संभ्रांत एवं बुद्धिजीवियों ने गौशालाओं की दशा सुधारने के लिए शासन व प्रशासन से मांग की है।