देवकी वसुदेव के त्याग तपस्या और बलिदान के फलस्वरूप अवतरित हुए भगवान

ग्लोबल टाइम्स 7 न्यूज़ नेटवर्क रिपोर्ट
संजीव भदौरिया
लखना बकेवर
इटावा । विकासखंड चकरनगर के अंतर्गत आने वाले ग्राम बरेछा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा रूपी गंगा मैं अपने सभी कथा प्रेमी रसीकों को रसपान कराते हुए सरस कथा वाचक पंडित अनिल कृष्ण महाराज कनाबर बाबा की घड़िया जनपद भिंड ने श्री कृष्ण जन्म की सरस कथा का वर्णन करते हुए कहा कि व्यक्ति जब अपनी निजी महत्वाकांक्षा से ग्रसित हो जाता है तो वह अपना और पराया में भी भेद नहीं रख पाता वह स्वार्थी होकर निजी हित को ध्यान में रखते हुए अपने अपराधों को बढ़ाता चला जाता है यही हाल मथुरा के राजा उग्रसेन के पुत्र कंस का था कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह बड़ी ही धूमधाम से किया था उसने अपने सामर्थ्य से भी अधिक दहेज भी देवकी वासुदेव को दिया कंस ने जिस प्रकार का विवाह अपनी बहन देवकी का किया ऐसा विवाह किसी भी भाई ने अपनी बहन का नहीं किया होगा किंतु घर की सारी खुशियों मैं अचानक खटास पैदा हो गई । क्योंकि जब कंस अपनी बहन देवकी को खुशी खुशी विदा कर रहा था एवं देवकी वसुदेव को अपने ही द्वारा चलाए जा रहे रथ से ले जा रहा था तभी देववाणी (आकाशवाणी) ने कंस की सारी खुशियों पर पानी फेर दिया कंस ने अपनी सारी महत्वाकांक्षाओं के वशीभूत होकर अपने प्राणों की ही चिंता करते हुए अपनी बहन देवकी एवं बहनोई वसुदेव को ना सिर्फ बंदी गृह में डाल दिया बल्कि अपने ही पिता उग्रसेन को भी कारागार में डालकर स्वयं राजा बन बैठा कंस के अत्याचार की अति तब हो गई जब एक के बाद एक देवकी के छह पुत्रों को कंस ने अपने ही हाथों मार दिया देवकी रोती रही छटपटाती रही किंतु कंस ने अपनी महत्वाकांक्षा के आगे देवकी के दुखों को नहीं देखा अंत में देवकी के त्याग तपस्या और बलिदान के फलस्वरूप एक दिन ऐसा आया की देवकी के आंचल में स्वयं चतुर्भुजी भगवान ने अवतार लिया और वह कृष्ण बलराम के रूप में बाबा नंद के यहां पलने लगे । उनका लालन-पालन नंद बाबा एवं यशोदा मैया करने लगी । कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए आचार्य श्री ने कहा कृष्ण के जन्म की खबर कंस को लगी तब तक बहुत देर हो चुकी थी कंस ने कृष्ण को मारने के लिए कई उपाय किए किंतु कंस के सारे उपाय निष्फल हो गए भगवान श्री कृष्ण ने पूतना का संघार किया और इसी प्रकार एक के बाद एक कंस के द्वारा भेजे गए राक्षसों का भगवान कृष्ण उद्धार करते चले गए कथा श्रवण कराते हुए पंडित अनिल कृष्ण महाराज ने कहा कि व्यक्ति पर जब बिपत्तियां आती हैं तो वह विचलित हो उठता है किंतु यदि व धैर्य और संयम के साथ लगातार वसुदेव और देवकी के भात भगवान का भजन करता रहे तो उसके सारे कष्ट नष्ट हो जाते हैं ग्राम परीक्षा में इन दिनों चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में दूर-दूर से आसपास के गांव के लोग भारी संख्या में कथा सुनने के लिए पधार रहे एवं गांव में इस समय विवाह जैसा माहौल चल रहा है ।